दिव्यांगों का कल संवारेगी ‘आल ट्रेन व्हीकल’

कुठेड़ा —  स्वरोजगार के रास्ते भविष्य संवारने का सपना संजोए बैठे दिव्यांगों के लिए आल ट्रेन व्हीकल एक सौगात के रूप में उभरकर आया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुठेड़ा के ऑटोमोबाइल वोकेशनल के अध्यापकों व छात्रों ने एक ऐसा व्हीकल बनाया है, जिसे दिव्यांग आने-जाने के लिए इस्तेमाल करने के साथ ही इसे खेतीबाड़ी जैसे व्यवसाय में भी प्रयोग में ला सकते हैं। 135 सीसी के चार टायर वाला यह व्हीकल आने-जाने, खेतीबाड़ी के साथ ही सामान ढोने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है। ऑटोमोबाइल के अध्यापकों आशीष कुमार व अमित कुमार ने छात्रों को एक ऐसा प्रोजेक्ट दिया, जिसे मल्टीपर्पज टास्क के तौर पर प्रयोग में लाया जा सके। अध्यापकों और छात्रों की टीम ने संयुक्त रूप से एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार किया है। आल ट्रेन बनाने के लिए बाइक का कबाड़ और 135 सीसी का इंजन लगाया गया है। इसे महज 20 हजार की लागत में तैयार किया गया है। मंगलवार को प्रधानाचार्य राजेश शर्मा ने स्कूल स्टाफ और इसके निर्माताओं की मौजूदगी में रिबन काटकर आल ट्रेन व्हीकल को चलाकर इसका सफल ट्रायल भी किया। अध्यापकों को कहना है कि जरूरत के हिसाब से इसमें कई आवश्यक बदलाव भी किए जा सकते हैं। शुरुआती तौर में इसे ऑटो की भांति किक मारकर स्टार्ट किया जा सकता है। इसके लीवर व अन्य फंक्शन को हाथ से हैंडल किया जा सकता है। स्कूल के प्रधानाचार्य राजेश शर्मा का कहना है कि भारत सरकार द्वारा चलाया गया कौशल इंडिया योजना के अंतर्गत हिमाचल सरकार ने 12 जिलों में वोकेशनल विषय शुरू किया है, जो बच्चों को स्वयं रोजगार के साधन मुहैया करवा रहा है।

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