पैसा देने से मुकरा वित्त विभाग

स्वां तटीकरण के लिए 50 करोड़ रुपए की डिमांड ठुकराई

शिमला— हिमाचल प्रदेश का वित्त महकमा अब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की भी नहीं सुन रहा है। लगातार तीसरी दफा मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आईपीएच महकमे ने वित्त विभाग को स्वां खड्ड की चैनेलाइजेशन के लिए पैसा देने का आग्र्रह किया था। वित्त महकमे ने इस दफा भी यह आग्रह ठुकरा दिया है, जिसके बाद स्वां खड्ड के लिए होने वाले जरूरी कार्य अब नहीं हो सकेंगे। वित्त विभाग से 50 करोड़ रुपए की धन राशि की डिमांड की गई थी। खुद अधिकारियों की एक कमेटी ने इस मसले पर मुख्यमंत्री से बात की थी और इस बैठक में सीएम ने निर्देश दिए थे कि सरकार अपने खाते से पैसा देगी, ताकि बरसात में कोई नुकसान न हो। बताते हैं कि जो काम स्वां तटीकरण के लिए किए गए हैं, उनकी रिपेयर और मेंटीनेंस के लिए पैसा मांगा गया था, जो कि अभी करना जरूरी है। कमेटी ने मुख्यमंत्री के समक्ष इसकी पूरी स्थिति बयान की थी और कहा था कि ये काम करने जरूरी इसलिए हैं,ताकि जो काम हो चुके हैं उनको मेंटेन रखा जा सके और आगे नुकसान न हो। वित्त विभाग के सामने भी इस पूरी स्थिति को रखा गया था, लेकिन वहां से इनकार कर दिया है। हाल ही में वित्त विभाग ने आईपीएच के प्रस्ताव को यह कहकर वापस भेज दिया है कि वह पैसा नहीं दे सकता। इस काम के लिए केंद्र सरकार से ही धन की डिमांड की जाए क्योंकि हिमाचल ने अपने हिस्से से अधिक की राशि खर्च कर दी है। उधर फिर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी है, जिसमें दोबारा मांग उठाई जाएगी कि तटीकरण के लिए पैसा दिया जाए। स्वां का काम पूरी तरह से रुक चुका है और न केंद्र सरकार और न ही प्रदेश सरकार इसके लिए पैसा देने को तैयार है। ऐसे में रही सही उम्मीद जो वित्त विभाग से लगाई गई थी वह भी टूट चुकी है। अधिकारी इस मसले पर सीएम के लौटने पर दोबारा बात करेंगे।

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