बिना मंजूरी कैजुअल लीव नहीं

शिक्षा विभाग में उच्च अधिकारी से स्वीकृति जरूरी, फरलो मारने वालों पर शिकंजा

मंडी —  अब शिक्षा विभाग के कर्मचारी बिना स्वीकृति के कैजुअल लीव (आकस्मिक अवकाश) नहीं कर पाएंगे। इसके लिए संबंधित विभाग के कर्मचारी को अवकाश लेने से पहले अपने मुखिया से स्वीकृति लेनी होगी। उसके उपरांत ही कैजुअल लीव कर पाएंगे। ये निर्देश प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के समस्त उपनिदेशकों, समस्त डाइट प्रधानाचार्यो और बीईईओ को जारी किए हैं। इसमें कहा गया कि आदेशों की नियमानुसार पालना की जाए।  अगर किसी भी शिक्षण संस्थान व कार्यालय में कैजुअल लीव बिना स्वीकृत के पाई गई तो उक्त कर्मचारी के साथ जवाब तलबी की जाएगी। बता दें कि शिक्षा विभाग की टीमों ने स्कूलों व कार्यालयों में औचक निरीक्षण के दौरान पाया कि कुछ कर्मचारी केवल फाइल में एप्लीकेशन छोड़कर अवकाश पर चले जाते हैं। जब विभाग की टीम स्कूलों में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचती है तो कैजुअल लीव पर गए कर्मचारी के बारे में संबंधित संस्थान के अधिकारी के पास कोई जानकारी नहीं होती है, वहीं कुछ स्कूलों में शिक्षक एप्लीकेशन छोड़कर फरलो मार रहे हैं। इसके चलते विभाग ने कैजुअल लीव के लिए शेड्यूल जारी किया है। शेड्यूल के अनुसार ही कर्मचारी कैजुअल लीव कर पाएंगे। अगर कोई शिक्षक बिना अनुमति के अवकाश करते हुए पाया गया, तो शिक्षा विभाग उक्त कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा का कहना है कि कर्मचारी कैजुअल लीव निर्धारित शेड्यूल के अनुसार करें। लीव के बारे में संबंधित अधिकारी के पास जानकारी होना जरूरी है। समस्त कर्मचारी नियमों का पालना करें।

इस तरह मिलेगी छुट्टी

शेड्यूल के अनुसार प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक को सीएचटी से, सीएचटी, बीआरआरसी सहित अन्य स्टाफ को बीईईओ से, बीईईओ व उपनिदेशक कार्यालय के स्टाफ को जिला उपनिदेशक से, डाइट स्टाफ को प्रधानाचार्य डाइट से, प्रधानाचार्य डाइट को प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक से, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक को डीसी और एडीसी से कैजुअल लीव के स्वीकृति व सूचना देनी होगी।

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