मिड-डे मील की गुणवत्ता परखें

कैथल – जिला उपायुक्त सुनीता वर्मा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए कि सभी 595 स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले दोपहर के भोजन की गुणवत्ता को हर स्थिति में बरकरार रखा जाए। उन्होंने दोपहर के भोजन की गुणवत्ता जांच के लिए सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने खंडों में इस भोजन की गुणवत्ता जांच के लिए स्कूलों का दौरा करें। सुनीता वर्मा शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में जिला स्तर पर आयोजित मानिटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील स्कीम के तहत पहली से पांचवीं तक के बच्चों को चार रुपए से 13 पैसे तथा छठी से आठवीं तक के बच्चों के लिए छह रुपए 18 पैसे प्रति बच्चा की दर से राशि विद्यालयों में दी जाती है तथा गेहूं और चावल की आपूर्ति हैफेड द्वारा की जाती है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी गेहूं व चावल की सप्लाई लेते समय इसकी गुणवत्ता का विशेष तौर से ध्यान रखें। जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिरोही ने बताया कि जिन स्कूलों में घरेलू गैस सिलेंडर की आपूर्ति स्कूल तक नहीं होती, उनकी सूची जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक को दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों के साथ-साथ 395 सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में भी दोपहर का भोजन दिया जा रहा है तथा यह भोजन सभी स्कूलों में प्रातः साढ़े 11 से 12 बजकर दस मिनट तक उपलब्ध करवाया जाता है। इन सभी स्कूलों के मुखिया को हिदायत दी गई है कि भोजन तैयार करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए तथा भोजन पकाते समय उपयोग किए जाने वाले जल की स्वच्छता भी सुनिश्चित की जाए। इस मौके पर डा. अशोक कुमार, एसके , खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी उपस्थित रहे।

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