विजिलेंस ने पकड़े 11 रिश्वतखोर

ईमानदार हिमाचल में भी घूसखोरी का खेल

शिमला  — हिमाचल में भी रिश्तखोरों का जाल पसरा हुआ है। सरकारी दफ्तरों में तब तक काम नहीं होता जब तक कि जेब गर्म न हो। यही वजह है कि ये रिश्वतखोर जांच एजेंसियों के हाथ भी लग रहे हैं। इस साल विजिलेंस ऐसे 11 रिश्वतखोरों को धर चुकी है,जो कि काम करवाने के लिए लोगों से पैसे एेंठ रहे थे, लेकिन पीडि़त पक्षों की शिकायत के बाद इनको पकड़ा  गया है। यूं तो हिमाचल में ईमानदार राज्य की श्रेणी में आता है, लेकिन यहां काम निकालना आम जनता के लिए आसान नहीं है। दफ्तरों में फाइलें तब तक नहीं खिसकती जब तक कि रिश्वत की भेंट न चढ़े।   इस साल विजिलेंस 11 अधिकारियों व कर्मचारियों को पकड़ चुकी है, जो काम के बदले रिश्वत मांग रहे थे।  इस साल पकड़े गए रिश्वतखोरों में सबसे ज्यादा पांच कर्मचारी राजस्व विभाग से संबंधित हैं, जिनमें चार पटवारी और एक नायब तहसीलदार  शामिल है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट, वन, आईपीएच, पंचायतीराज विभाग से संबंधित कर्मचारी भी धरे गए हैं। विभिन्न क्षेत्रों के हिसाब से देखें तो राज्य में सबसे ज्यादा पांच कर्मचारी विजिलेंस ने धर्मशाला जोन के तहत पकड़े  हैं और शिमला जोन में चार कर्मचारी पकड़े हैं, जबकि मंडी जोन में दो कर्मचारी रंगे हाथों धरे गए हैं। बीते साल की बात करें इस अवधि के दौरान विजिलेंस ने दस रिश्वतखोर कर्मचारियों को पकड़ा था। इनमें धर्मशाला और मंडी जोन में चार-चार केस और शिमला जोन में मात्र दो ही केस ट्रैप के सामने आए थे। हालांकि अबकी बार विजिलेंस ने बीते साल की तुलना ज्यादा रिश्वतखोरों को पकड़ा है।

व्हाट्स ऐप पर पीडि़त भेज रहे शिकायतें

राज्य में भ्रष्टाचार की शिकायत लेने के लिए विजिलेंस ने फोन नंबर के साथ-साथ अब व्हाट्स ऐप नंबर भी जारी कर रखा है। ऐसे में अब लोग फोन पर शिकायत करने की बजाय व्हाटस ऐप पर भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो फोन की बजाय लोगों के लिए व्हाट्स ऐप ज्यादा सुविधाजनक है और इनमें वीडियो और ओडिया फाइल को भी भेजा जा सकता है।

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