शोध अधिकारियों के इस्तीफे से पढ़ाई बंद

शिमला — प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन विवि के हिमालयन एकीकृत अध्ययन शोध संस्थान के छात्रों की समस्याओं को समाधान नहीं कर पा रहा है। संस्थान के 12 शोध अधिकारियों के सामूहिक इस्तीफे के बाद से इस संस्थान में छात्रों की कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं। विवि कुलपति ने छात्रों को दो दिनों के भीतर कक्षाओं को लगाने के लिए अधिसूचना जारी करने की बात कही थी, लेकिन विवि प्रशासन यह अधिसूचना जारी नहीं कर पाया। छात्रों की कक्षाएं न लगने से अब छात्र और अभिभावक परेशान हो गए हैं। छात्रों ने विवि कुलपति को कक्षाएं सुचारू रूप से लगाने के लिए और विभाग से जुड़ी अन्य मांगों को पूरा करने के लिए अब 14 अगस्त का समय दिया है। अगर  इस तय समय के भीतर विवि कुलपति छात्रों की मांगों का  समाधान नहीं करते हैं, तो विभाग में शिक्षा ग्रहण कर छात्र और उनके अभिभावक भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे। शनिवार को एक बार फिर से आईआईएचएस, जो अब मल्टी डिसिप्लिनरी विभाग बन चुका है, के छात्र विवि कुलपति से मिले। छात्रों ने एक ओर जहां कुलपति को छात्रों की कक्षाएं लगाने के लिए विभाग के शोध अधिकारियों को उनकी मांगों के अनुसार सहायक प्रोफेसर पदनाम देने की मांग की, वहीं नए बने विभाग में चेयरपर्सन की तैनाती की मांग भी उठाई। छात्रों ने कुलपति प्रो. राजिंद्र सिंह चौहान से मांग की है कि एमएससी एन्वायरनमेंट साइंस और एमबीए रूरल डिवेलपमेंट में डीन फैकल्टी की तैनाती की मांग उठाई। छात्रों ने कुलपति से कहा कि जिन शोध अधिकारियों ने इस संस्थान में चल रहे कोर्सेज के पांच बैच पासआउट किए हैं, उन्हें अब शिक्षक का दर्जा देकर उन्हीं से छात्रों की कक्षाएं लगवाई जाएं। अन्य मांगों में छात्रों ने विभाग की पीएचडी सीटों की अधिसूचना जारी करना, कम्प्यूटर लैब व कक्षाओं की मरम्मत की मांग उठाई। छात्रों का कहना है कि संस्थान को विभाग का दर्जा मिलने के बाद इसमें फैकल्टी और डीन की नियुक्ति को लकेर अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन इसे पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जिस पर संबंधित शाखा पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

कड़ा कदम उठाने को तैयारी

विवि में आईआईएचएस संस्थान के 12 शोध अधिकारियों को इस्तीफे दिए दो सप्ताह का समय होने वाला है, लेकिन विवि मामले को नहीं सुलझा पाया है। अब विभाग के 194 छात्रों  ने अपनी मांगों को लेकर और विवि प्रशासन के रैवये को लेकर कड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। इसके लिए विवि को 14 अगस्त तक का समय दिया गया है।

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