सैरागैम के स्थापना दिवस पर कवियों की महफिल

सैरागैम कंपनी के सौजन्य से कांगड़ा शहर में एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन सैरागैम कंपनी का कांगड़ा में एक वर्ष पूरा होने पर किया गया, जिसकी अध्यक्षता पूर्व प्रशासनिक अधिकारी प्रभात शर्मा ने की और मुख्यातिथि के रूप में डा. गौतम व्यथित तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. युगल डोगरा ने अपनी सहभागिता निभाई। कार्यक्रम के प्रारंभ में सैरागैम कार्यक्रम की सफलता के संबंध में कांगड़ा के मनोनीत पार्षद सतपाल घृतवंशी ने अपने अनुभव साझा किए और कार्यक्रम के प्रभारी बीरपाल सिंह ने साउथ कोरिया से संबंधित सैरागैम कंपनी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। बहुभाषी कवि सम्मेलन का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पण से हुआ। सर्वप्रथम प्रताप जरियाल ने माहिया छंद से अपनी प्रस्तुति दी तो रमेश चंद्र मस्ताना ने पहाड़ी में अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।  बहुभाषी कवि सम्मेलन में शक्ति चंद राणा, सुरेश भारद्वाज निराश, सुदेश दीक्षित, डा. मधु, डीआर सागर, गोपाल शर्मा, हरिकृष्ण मुरारी, राजीव त्रिगर्ती, भूपेंद्र भूपी, डा. वासुदेव प्रशांत, ओंकार फलक, डा. कुशल कटोच, सतपाल घृतवंशी, रमेश नंदा, डा. युगल किशोर, बीरपाल एवं मनु भारती आदि ने अपने-अपने अंदाज में अपनी रचनाएं प्रस्तुत करके खूब समां बांधा। सभागार में यदि एक ओर कवि सम्मेलन का दौर चलता रहा तो दूसरी ओर एक-एक समूह के रूप में दूरदराज से आए पीडि़त थैरेपी का भी लाभ उठाते रहे। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रभात शर्मा ने सैरागैम के उद्देश्यों की सराहना करते हुए मानवता के कल्याण के लिए किए जा रहे इनके प्रयासों को क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा सौभाग्य बताया। मुख्यातिथि संबोधन में डा. गौतम शर्मा ‘व्यथित’ ने कांगड़ा शहर में आयोजित इस बहुभाषी कवि सम्मेलन को कई दृष्टियों से अद्भुत बताया और कवि-साहित्यकारों के लिए एक अनूठा अनुभव बताया।  उल्लेखनीय है कि सैरागैम कंपनी भारत में लगातार पिछले 12 सालों से निवेश कर रही है। इसके कांगड़ा स्थित फ्री डेमो सेंटर में दूरदराज से आने वाले लोग थैरेपी लेकर अपनी शारीरिक परेशानियों से बिना दवाई और आपरेशन के निजात पा रहे हैं। यहां पर रोगियों की रीढ़ की हड्डी का ध्यान रखकर उन्हें स्वस्थ बनाने की भरपूर कोशिश होती है।

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