हिमाचल की दवाएं खाने लायक नहीं!

केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने जारी किया ड्रग अलर्ट

बीबीएन – केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में देश भर के 36 दवा उद्योगों में निर्मित 41 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं पाई गई हैं। इस फेहरस्ति में हिमाचल के 14 उद्योग भी शामिल हैं। ये दवाएं ऐसी हैं, जो आम तौर पर लोग बुखार, एलर्जी, दर्द व संक्रमण आदि के उपचार के लिए इस्तेमाल करते है। इस बार हाई बीपी, टीबी, विटामिन, आयरन, बच्चों के टॉनिक, एंजाइम, स्टेरॉयड की दवाएं भी जांच में बेअसर साबित हुई हैं। सीडीएससीओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए हिमाचल के सभी दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर संबंधित दवाओं के बैच बाजार से तत्काल हटाने को कहा है। जानकारी के मुताबिक सीडीएससीओ द्वारा शुक्रवार को जारी जुलाई महीने के ड्रग अलर्ट में 41 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। टेस्ट में फेल हुईं इन 41 दवाओं के नाम सीडीएससीओ ने अपनी वेबसाइट पर डाल दिए हैं। हिमाचल में जिन 14 कंपनियों की दवाएं जांच में मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई हैं, उनका निर्माण, बद्दी-बरोटीवाला, नालागढ़, पावंटा साहिब में हुआ है। इसके अलावा गुजरात, उत्तराखंड़, तेलंगाना, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बंगलूर, हरियाणा, मध्य प्रदेश में निर्मित हुई हैं। उधर, राज्य दवा नियंत्रक ने ड्रग अलर्ट में शामिल दवा कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए उन्हें बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच उठाने के आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि उन्होंने सभी दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए हैं, इसके अलावा जिन कंपनियों की दवाएं बार-बार फेल हुई हैं, उनकी अलग से रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दवा निरीक्षकों को दिए गए है। उन्होंने बताया कि दवाओं के नमूने फेल होने के कई कारण हो सकते हैं। फिलहाल रिपोर्ट तलब कर ली गई है । दवा निर्माण में गुणवत्ता से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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