अब बिलासपुर में बनेंगे रबड़ प्रोडक्ट!

बिलासपुर —  बिलासपुर में जल्द ही रबड़ उत्पाद बनाए जाएंगे। इसके लिए इंडियन सिंथेटिक रबड़ प्राइवेट लिमिटेड से करार किया गया है। संकट से जूझ रही बिलासपुर की बिरोजा एवं तारपीन फैक्टरी में अब बिरोजे की मार्केटिंग का पचड़ा नहीं रहेगा। सारा बिरोजा इंडियन ऑयल कारपोरेशन के तहत कार्यरत इंडियन सिंथेटिक रबड़ प्राइवेट लिमिटेड उठाएगी। इसके लिए कंपनी के साथ वन विकास निगम का करार हो गया है। कंपनी ने फैक्टरी में तैयार हो रहे बिरोजे की गुणवत्ता को लेकर रिसर्च भी शुरू कर दी है। कंपनी फैक्टरी में ही डीपीआर (डिस्प्रोपोर्शनेट रोजिन) नामक प्रोडक्ट तैयार करेगी, जिसका यूज टायरों में यूज होने वाले ट्रेड बनाने के लिए किया जाएगा। खास बात यह है कि अभी तक यह प्रोडक्ट देश में कहीं भी नहीं बनता। कंपनी इस प्रोजेक्ट का भी निर्यात करेगी। बता दें कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद बिरोजा एवं तारपीन फैक्टरी को भी गहरा झटका लगा है। जहां पहले 100 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिरोजे की कीमत तय थी, तो वहीं अब यह लुढ़ककर 79 रुपए प्रति किलोग्राम तक सिमटकर रह गई है। बिरोजे की कीमतों में गिरावट का भी फैक्टरी पर असर पड़ा है। हजारों क्विंटल बिरोजा फैक्टरी में बेकार पड़ा हुआ है। अभी फैक्टरी में दो शिफ्टों में काम चल रहा है। मेंटेनेंस कार्य के चलते दो माह तक फैक्टरी में प्रोडक्शन का कार्य भी बंद था। अब हाल ही में फैक्टरी में प्रोडक्शन शुरू हुआ है। उधर, वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया ने कहा कि इंडियन सिंथेटिक रबड़ प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का निगम के साथ बिलासपुर बिरोजा फैक्टरी को लेकर करार तो हुआ है, लेकिन पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही विस्तार से कुछ कहा जा सकता है।

फैक्टरी में न मैनेजर, न इंजीनियर

फैक्टरी में अफसर और स्टाफ की कमी से भी दिक्कत हो रही है। विडंबना यह है कि फैक्टरी में न तो मैनेजर हैं और न ही इंजीनियर। महाप्रबंधक की रिटायरमेंट के बाद अभी तक इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है। फैक्टरी में कर्मचारियों का भी जबरदस्त अभाव चल रहा है।