ग्वालथाई में निवेश लाने के लिए सरकार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई

बिलासपुर— पंजाब राज्य की सीमा से सटा औद्योगिक क्षेत्र ग्वालथाई सबसे बढि़या कनेक्टिविटी होने के बावजूद इंडस्ट्रीज के मामले में बद्दी की तर्ज पर सही तरीके से विकसित नहीं हो पाया है। सरकार ने भी बद्दी के बाद ऊना और कांगड़ा जिलों को ही तवज्जो दी, जबकि कुल 686 बीघा वाले एरिया के विकास के लिए सियासतदानों ने भी खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। न देश के बड़े औद्योगिक घराने निवेश के लिए आए और न ही स्थानीय जनता के लिए रोजगार के साधन विकसित हो पाए। एक दर्जन के लगभग उद्योग लोन की किस्तें तय समय पर न चुका पाने की वजह से बैंकों ने टेकओवर कर लिए, जबकि एक बड़ा सरिया उद्योग घाटे के चलते बंद हो गया और दर्जन भर उद्योगों की सुस्ती के चलते विभाग को उनके प्लाट्स का आबंटन रद्द करना पड़ा। निवेश न होने से यह क्षेत्र बद्दी की तरह औद्योगिक हब नहीं बन पाया। औद्योगिक पैकेज की अवधि समाप्त होने के बाद दर्जनों उद्योग यहां कारोबार बंद कर लौट गए थे, जिसके चलते सैकड़ों लोगों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार छिन गया। पिछले पांच साल में सियासी अनदेखी का शिकार होकर रहे इस क्षेत्र में वर्तमान में छोटे-बडे़ 30 उद्योग ही कार्यरत हैं।  इनमें टाइडल फार्मा, हर्बल इंडिया, कैमशन प्राइवेट लिमिटेड, इंटरनेशनल मैटल, हिम स्टील, पैरालाइड इंडस्ट्रीज, डैस्टा इलेक्ट्रिकल और धीमान फर्नीचर इत्यादि उद्योग कार्यरत हैं। विभाग की मानें उद्यमी यदि ग्वालथाई में निवेश करने की इच्छा व्यक्त करते हैं तो उन्हें महज 15 दिनों के भीतर प्लाट का आबंटन कर दिया जाएगा। सरकार प्रदेश भर के औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के लिए देश के नामी उद्योग घरानों को आमंत्रित कर रही है। हाल ही में दिल्ली की नामी ग्रीन स्टार कंपनी ने ग्वालथाई में मिनरल वाटर प्लांट लगाने के लिए एक हजार मीटर का प्लाट लिया है। कंपनी का निर्णय है कि शुरूआत में स्थानीय तीस से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। कंपनी ग्रीन स्टार नाम से मिनरल वाटर की मार्केटिंग करेगी।

प्रदेश में सबसे सस्ती जमीन भी यहीं

औद्योगिक क्षेत्र ग्वालथाई में एक स्क्वेयर मीटर जमीन की कीमत 1500 रुपए रखी गई है, जबकि प्रदेश के बाकी इंडस्ट्रियल एरिया में यह कीमत 3000 रुपए है। ऐसे में सबसे सस्ती जमीन होने, पंजाब के नंगल के समीप होने के बावजूद उद्यमी ग्वालथाई में निवेश के लिए कदम नहीं बढ़ा रहे। इसके अलावा यहां बिजली, पानी व सड़क इत्यादि की सहूलियतें दी गई हैं।

पिछड़ने का एक कारण यह भी

चंडीगढ़ के नजदीक होने के चलते पंजाब से सटे बद्दी में देश भर के नामी उद्यमियों ने निवेश किया है, जबकि पंजाब की सीमा से सटे होने और हरसंभव सहूलियतें होने पर भी ग्वालथाई में निवेश के प्रति उद्यमियों ने रुचि नहीं ली, क्योंकि चंडीगढ़ से दूर होने के चलते भी शायद उद्यमियों ने यहां दिलचस्पी नहीं ली। इसके चलते बद्दी व अन्य जगहों की तर्ज पर इंडस्ट्रीज के मुकाबले यह एरिया सही तरीके से विकसित नहीं हो पाया।