टिकट की चाह में अधिकारी-डाक्टर

शिमला— विधानसभा चुनावों में इस बार भाग्य आजमाने के लिए डाक्टर, आईएएस के साथ-साथ पुलिस अधिकारी भी कतार में हैं। सेवानिवृत्त ऐसे कई अधिकारी भी मौजूदा विधायकों के खिलाफ सियासी जंग लड़ने के लिए मैदान में जुट चुके हैं। यह वर्ग टिकट हथियाने के लिए दिल्ली तक का रुख करने लगा है। कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा भी इस वर्ग को रिझाने के लिए लालायित है। जब से केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार में अधिकारियों व टेक्नोके्रट्स की लॉटरी लगी है, तभी से हिमाचल में भी यह वर्ग और आगे आया है। दोनों ही दलों ने अलग से पार्टी संगठन में बुद्धिजीवी प्रकोष्ठों का गठन कर रखा है। हालांकि सेवारत रहते हुए यह वर्ग सीधे तौर पर दल विशेष के कार्यक्रमों में हिस्सा तो नहीं लेता है, मगर सेवानिवृत्ति के बाद आगे आता था। पिछले कुछ वर्षों से सेवारत अधिकारी, डाक्टर व अन्य वर्ग भी सीधे-सीधे चुनावों में उतरने के लिए आगे आ रहे हैं। इस बार दोनों ही दलों में इसी वर्ग ने टिकट हथियाने के लिए जहां खूब जोर आजमाइश कर रखी है, वहीं दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं के इर्द-गिर्द इनका जमावड़ा देखा जा सकता है। इनमें से कई तो ऐसे भी हैं, जिनका दावा है कि उन्हें वरिष्ठ नेताओं की तरफ से चुनाव प्रचार करने के संकेत मिल चुके हैं। हालांकि इसमें सच कितना है, यह तो जारी होने वाली उम्मीदवारों की सूची ही बताएगी। फिलवक्त ऐसे दावेदारों ने संगठन से जुड़े रहे नेताओं व मौजूदा कई विधायकों तक के पसीने छुड़ा रखे हैं।

ये हैं दावेदार

डा. ललित-आईजीएमसी

डा. जनक-न्यूरोसर्जन

डा. राजेश कश्यप-आईजीएमसी

डा. लोकेंद्र शर्मा-डीडीयू शिमला

जेएस कटवाल- आईएएस रि.

एएन शर्मा- आईपीएस रि.

एचएन कश्यप- एचएएस रि.

केडी लखनपाल-एचएएस रि.

ओपी शर्मा-एनसीबी अधिकारी

जगत राम- आईपीएस रि.

प्रोफेसर भी लाइन में

प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में भाग्य आजमाने के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से डा. प्रमोद शर्मा, डा. चंद्रमोहन परशीरा, सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर जीवन शर्मा भी उल्लेखनीय हैं।

आठ से ज्यादा अफसर

आईएएस, आईपीएस व एचएएस अधिकारियों की ऐसी फेहरिस्त को अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है, जो कि दावेदारों में शामिल हैं, मगर ऐसे आठ से भी ज्यादा अधिकारी हैं, जो मंडी, शिमला, बिलासपुर व कांगड़ा जिस से चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं।