तन-मन की फिटनेस जरूरी

देविंद्र सिंह डढवाल डीएफओ, वाइल्ड लाइफ विंग धर्मशाला

वाइल्ड लाइफ में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने देविंद्र सिंह डढवाल  से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

वाइल्ड लाइफ  में करियर के क्या स्कोप हैं?

वन्य प्राणी विभाग बहुत बड़ा विभाग है। इसमें आने वाले युवाओं के लिए रोजगार के लिए बेहतर अवसर मिलते हैं। प्रदेश में इस विभाग के हर विंग में युवाओं के लिए अच्छे स्कोप हैं।

इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?

यह निर्भर करता है कि आप किस पोस्ट के लिए अप्लाई कर रहे हैं। इस क्षेत्र में मैनेजमेंट से लेकर वैज्ञानिक स्तर की शैक्षणिक  योग्यता रहती है। जैसे कि फोरेस्ट सर्विस, जंतु विज्ञान, साइंटिस्ट स्तर की पढ़ाई करने वाले युवा इस फील्ड से जुड़ सकते हैं। इसके अलावा अलग-अलग विंग में जाने के लिए शैक्षणिक योग्यता भी उस हिसाब से रहती है।

रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं?

इस फील्ड से जुड़ने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर हर क्षेत्र में हैं। इसमें वन्य प्राणी शोध, चिडि़याघर में या नेचर एरिया में पार्क बनाने के क्षेत्र में, वन्य जीवों की एग्जीबिशन, विभाग की मैनेजमेंट तथा टूअर आपरेटर सहित इससे जुड़े हर क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर मिलते हैं।

क्या इस क्षेत्र में कोई विशेषज्ञ कोर्स किए जा सकते हैं?

बिलकुल, इसमें फोरेस्ट गार्ड की भी ट्रेनिंग होती है। इस फील्ड में युवा फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट देहरादून तथा इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ  फोरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल में अध्ययन कर सकते हैं। राष्ट्र स्तरीय इन शिक्षण संस्थानों में युवा इस फील्ड से जुड़े पाठ्यक्रम का अध्ययन कर डप्लोमा व सर्टिफिकेट ले सकते हैं।

जॉब मिलने पर आरंभिक आय इस फील्ड में कितनी होती है?

यह तो पोस्ट पर निर्भर करता है कि आप किस संस्थान में और किस पोस्ट पर हैं। इस फील्ड में आरंभिक आय बेहतर होती है।

जो युवा इस करियर में पदार्पण करना चाहते हैं, उनमें क्या व्यक्तिगत गुण होने चाहिए?

उनमें वन्य प्राणियों के प्रति स्नेह होना चाहिए। ऐसे युवा शारीरिक व मानसिक रूप से फिट होने चाहिए।

युवाओं को वाइल्ड लाइफ  में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

यह फील्ड बहुत चुनौतीपूर्ण है, इसमें हर समय सतर्क रहना पड़ता है। वन्य प्राणियों की सुरक्षा से जुड़े होने के चलते कभी भी जंगलों का रुख करना पड़ सकता है। यहां पर केवल मात्र खूंखार वन्य प्राणी ही नहीं, बल्कि शिकारियों से भी सामना होता है। ऐसे में फील्ड में जाने वाले को मानसिक और शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहना अति आवश्यक है।

जो युवा इस फील्ड में आना चाहते हैं, उनके लिए कोई प्रेरणा संदेश दें।

अगर आपकी रुचि वन्य प्राणियों पर शोध करने और नई प्रजातियों की खोज करने में है, तो जरूर इस फील्ड में आएं। इसमें रोजगार के भी बेहतर स्कोप हैं। फील्ड में घूम कर भी बहुत कुछ नया सीखने को हर बार मिलता है। साथ ही पर्यावरण व लुप्त हो रही वन्य प्राणी प्रजातियों के संरक्षण में भी अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।

-तनुज सैणी, धर्मशाला