…तो फिर रखी जाएगी कटासनी स्टेडियम की नींव

चुनावी आहट में जोर-शोर से शुरू हुआ काम, दिल्ली के नेहरू स्टेडियम पर आधारित है मॉडल

शिमला – विधानसभा चुनाव आचार संहिता से पहले क्या मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बहुचर्चित व बहुप्रतीक्षित कटासनी स्टेडियम का फिर शिलान्यास करेंगे, यह चर्चा इन दिनों खिलाडि़यों में छिड़ी है। यह मसला दो बार कैबिनेट में जा चुका है, जिसके बाद इसका कार्य अब जोर-शोर से शुरू किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच अच्छी खासी खींचतान देखने को मिलती रही है। यह कांग्रेस का ऐसा मॉडल स्टेडियम बताया जाता रहा है, जिसे धर्मशाला स्टेडियम का जवाब माना जाता है, मगर पांच साल गुजरने को हैं, यह सवाल जस का तस बना है। इसके निर्माण पर लगभग 50 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस स्टेडियम में होस्टल की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जानी है। विभाग द्वारा दो वर्ष के भीतर इसके निर्माण की डेडलाइन तय करने की बात कही जा रही है। स्टेडियम के लिए 43 बीघा जमीन पहले ही खेल विभाग के नाम हो चुकी है। क्रिकेट के साथ-साथ एथलेटिक्स, हाकी, फुटबाल, बैडमिंटन, टीटी व जिम्नेजियम की यहां सुविधा होगी। इसका मॉडल दिल्ली के नेहरू स्टेडियम की तर्ज पर तैयार किया गया है। वैसे वर्ष 2007 में तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने ही इसका शिलान्यास किया था, मगर तब न तो इसकी जमीन खेल विभाग के नाम थी, न ही निजी क्षेत्र की जमीन हस्तांतरण हुई थी। यही वजह रही कि फिर से शिलान्यास करने की चर्चा है, जो अब तक नहीं किया गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि दो वर्ष की अवधि के भीतर इसे मुकम्मल करने की तैयारी थी, मगर इसका कार्य अब लेटलतीफी से शुरू हुआ है या यूं कह लें कि चुनावी आहट में इसे तेज कर दिया गया है। इसमें पैवेलियन के साथ-साथ इंडोर खेलों की भी सुविधा जुटाने का प्रयास था। जिला शिमला में इतने बड़े स्तर का बनने वाला यह पहला बहुआयामी स्टेडियम होगा। घणाहट्टी से कुछ ही दूर पीछे यह स्टेडियम देवदार की घनी पंक्तियों के बीच स्थित होगा। इसके लिए सड़क सुविधा पहले से ही जुटा दी गई है। करीब दस वर्ष पूर्व वीरभद्र सरकार ने ही इस स्टेडियम के लिए पांच करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। यह रकम अभी भी पीडब्ल्यूडी के पास पड़ी थी, जिसे अब उपयोग में लाया जा रहा है। यह मैदान समतल किया जा रहा था, मगर सत्ता परिवर्तन के होने के बाद पूर्व धूमल सरकार के वक्त स्थानीय लोगों द्वारा अदालत में जाने के बाद यह मामला खटाई में पड़ गया था। अब इसका कार्य कब तक जारी रहेगा, यह दिलचस्प होगा।

होटल कम नहीं

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यहां राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजित हो सकें, इसके लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी, क्योंकि शिमला न केवल रेल कनेक्टिविटी से जुड़ा है, बल्कि जल्द एयर कनेक्टिविटी के साथ-साथ यहां पांच सितारा होटल की शृंखलाएं भी निजी क्षेत्र तैयार कर रहा है। ठियोग व कुफरी के साथ कसौली में बड़े होटल समूह इस तैयारी में जुटे हैं। इनसे हटकर शिमला में निजी व सरकारी क्षेत्र में स्तरीय होटलों की कोई कमी नहीं है। बावजूद इसके यह प्रोजेक्ट शिलान्यास के इंतजार में खड़ा है।