नाहन बस अड्डा मांग रहा हिसाब

‘‘उम्मीदों की नींव पर ही सही, इक पुल चाहिए। गांव-शहर से जुड़ें, डग भरने का हमें भी हक चाहिए।’’ मगर विडंबना यही रही कि लगातार उम्मीदों के कई पुल ढह गए और कई सोचे भी न जा सके। भौगोलिक परिस्थितियां सियासत के दृष्टिकोण पर इतनी भारी पड़ेंगी यही सोच कर भाषणबाजों पर तरस आता है। जब पता चलता है कि फलां भवन का नींव पत्थर 1980 में रखा गया या फिर 15 बर्ष से उद्घाटन को तरस रही सड़क। या फिर शहीद अथवा स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर घोषणाएं। ये तमाम बातें कुछ समय बाद जनता को सुविधा नहीं मिलने पर एक टीस जरूर दे जाती है। जनता को मतदाता समझने वाले राजनेताओं को पांच वर्ष बाद याद आती है, तब तक लोग ऊब चुके होते हैं और फिर अपने हकों की आवाज उठाते हैं। लोगों के इसी दर्द का हिस्सा बनने के लिए प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ अपनी नई सीरीज ‘हक से कहो’ के तहत जनता की आवाज बनकर आगे आ रहा है।                          

नाहन – सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन स्थित प्रदेश के सबसे बड़े बस अड्डों में से एक अंतरराज्यीय बस अड्डा नाहन के दिन कब फिरेंगे इसकी उम्मीद अब सिरमौर के लोगों ने छोड़ दी है। वर्तमान सरकार के तेज तर्रार मंत्री जीएस बाली भी गत साढ़े चार वर्ष की अवधि में सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन स्थित बस स्टैंड के रखरखाव के लिए कई बार आश्वासन दे चुके हैं, परंतु धरात्तल पर यह कब अमलीजामा पहनेगा इस पर संशय अभी भी बरकरार है। इंटर स्टेट बस स्टैंड नाहन की हालत दिन प्रतिदिन बद से बदत्तर होती जा रही है। यहां आने वाले हजारों यात्री दिन भर मुफ्त की धूल फांपते रहते हैं। हिमाचल प्रदेश बस अड्डा प्राधिकरण व एचआरटीसी संयुक्त रूप से कब नाहन शहर के बस स्टैंड की हालत सुधारेगी यह अब अगली सरकार की उम्मीदों पर छोड़ दिया गया है। इस सिलसिले में नाहन के लोगों से जब राय ली गई तो अधिकांश लोग इस मामले में सरकार से खफा नजर आए।

दशकों से नहीं हुई बस स्टैंड की मरम्मत

नाहन बस स्टैंड की बदहाल हालत को लेकर शहर के भाव सिंह का कहना है कि यह बस स्टैंड किसी समय प्रदेश के सबसे बड़े बस स्टैंड में से एक होता था। सिरमौर जिला के वरिष्ठ नेता व तत्त्कालीन परिवहन मंत्री गुमान सिंह चौहान ने 1980 के दशक में नाहन बस स्टैंड को सिरमौर के लोगों को इस उम्मीद के साथ समर्पित किया था कि सरकार इसका उचित रखरखाव भविष्य में भी करेगी, परंतु दशकों से नाहन बस स्टैंड की कोई मरम्मत नहीं हुई है। भाजपा-कांग्रेस दोनों ने इस मामले में नाहन के लोगों को ठगा है।

घोषणाओं में सिमट कर रह गई हर सुविधा

नाहन निवासी रणदीप ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार के तेज तर्रार मंत्री जीएस बाली नाहन बस स्टैंड के मरम्मत के लिए नाहन प्रवास के दौरान कई बार आश्वासन दे चुके हैं, परंतु वास्तव में परिवहन मंत्री की घोषणा भी कागजों में सिमटकर रह गई है। बस स्टैंड की हालत दिन-प्रतिदिन बदहाल हो रहे हैं। बस स्टैंड के भीतर के पार्क पर झाडि़यों का कब्जा है तथा बस स्टैंड की बिल्डिंग खस्ताहालत में है। ऐसे में नाहन बस स्टैंड जिला सिरमौर के मुख्यालय में आने वाले लोगों के सामने नेगेटिव तस्वीर पेश कर रहा है।

सरकार ने गुमराह किए लोग

जयदीप पाल का कहना है कि शहर का बस स्टैंड यदि चकाचक है तो इसका प्रभाव यहां आने वाले पर्यटकों पर भी पड़ता है। सरकार के परिवहन मंत्री ने 15 अगस्त को मीडिया में बयान जारी किया था कि नाहन बस स्टैंड के लिए तीन करोड़ रुपए की राशि मरम्मत के लिए स्वीकृत की गई है, परंतु यह राशि कहां है इसकी कोई जानकारी नहीं है। सरकार इस मामले में नाहन के लोगों को गुमराह कर रही है।