पार्किंग-इंडोर स्टेडियम के नाम पर ठगा गया सोलन

सोलन  – सोलन शहर में करोड़ों रुपए के शिलान्यास के बाद एक भी ईंट नहीं लगी। शहर की जनता इन शिलान्यास को देखकर अपने आप को ठगा सा महसूस करती है। वर्ष 2006 में सीएम वीरभद्र सिंह ने करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पार्किंग परिसर का शिलान्यास किया था, लेकिन इसके बाद पार्किंग के नाम पर कुछ भी नहीं हो पाया। इसी प्रकार ठोडो मैदान के समीप भी करीब 18 करोड़ रुपए की लागत से इंडोर स्टेडियम का शिलान्यास पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल द्वारा किया गया था। जब कई वर्षों तक स्टेडियम का काम शुरू नहीं हुआ तो लोगों ने शिलान्यास पट्टिका को ही उखाड़ कर फेंक दिया। सोलन में विकास की कहानी शिलान्यास तक सिमित रह गई है। शहर में पार्किंग सबसे बड़ी समस्या है। करीब 40 हजार वाहन शहर की सड़कों पर दौड़ते हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि केवल कुछ वाहनों के लिए ही पार्किंग की सुविधा नगर परिषद अभी तक मुहैया करवा पाई है। यही वजह है कि 80 प्रतिशत वाहन शहर के गली-मोहल्लों और सड़कों के किनारे पार्क किए जा रहे हैं। पार्किंग की समस्या इस कद्र बढ़ गई है कि लोग अब शहर में गाड़ी लेकर आने से भी कतराने लगे हैं। यह समस्या बीते एक दशक से लगातार बढ़ रही है। शहर के मालरोड पर लोगों को बेहतरीन पार्किंग स्थल मुहैया करवाए जाने के उद्देश्य से वर्ष 2006 में सीएम द्वारा शिलान्यास किया गया था। शिलान्यास के बाद लोगों को उम्मीद थी कि शायद अब मालरोड पर पार्किंग की समस्या नहीं रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। एक दशक से भी अधिक का समय बीत चुका है, अभी तक शिलान्यास के बाद काम शुरू नहीं हो पाया है। रेलवे स्टेशन के पास लगाया गया यह शिलान्यास का पत्थर महज एक शोपीस बन कर रह गया है।

18 करोड़ से बनना था स्टेडियम

ठोडो मैदान के समीप पूर्व भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2010-11 में इंडोर स्टेडियम का शिलान्यास किया गया था। करीब 18 करोड़ रुपए से यह स्टेडियम बनाया जाना था। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल द्वारा इस इंडोर स्टेडियम का शिलान्यास किया गया, तो हजारों खिलाडि़यों को उम्मीद थी कि अब उन्हें अभ्यास करने के लिए बेहतरीन स्थान मिलने वाला है। कई वर्ष तक जब स्टेडियम का काम शुरू नहीं हुआ तो लोगों ने शिलान्यास पट्टिका ही उखाड़ कर फेंक दी। अब यहां न तो शिलान्यास पट्टिका है और न ही स्टेडियम बना। सोलन शहर में ठोडो मैदान के आलावा अन्य कोई भी स्थान ऐसा नहीं है, जहां अभ्यास किया जा सके।