पुलिस की एसआईटी का और रिमांड नहीं

अदालत ने ठुकराया सीबीआई का आग्रह, आईजी जैदी समेत सभी पुलिसकर्मी 14 दिन की हिरासत में भेजे

शिमला — शिमला के कोटखाई छात्रा गैंगरेप और मर्डर प्रकरण में आरोपी की हत्या  मामले में गिरफ्तार सभी आठ आरोपी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई ने आरोपियों को गुरुवार को शिमला में अदालत में पेश किया, हालांकि जांच एजेंसी ने आरोपियों का रिमांड बढ़ाने का आग्रह किया था, लेकिन अदालत ने आग्रह ठुकराते हुए सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार आईजी जहूर जैदी, डीएसपी सहित आठ पुलिस कर्मियों को गुरुवार को दोपहर बाद सीजेएम रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत में पेश किया गया। सीबीआई द्वारा अदालत से सभी आरोपियों का रिमांड बढ़ाने का आग्रह किया गया। जांच एजेंसी का कहना था कि पुलिस अफसरों और कर्मचारियों से अभी और पूछताछ करनी है। इसके लिए इनका रिमांड बढ़ाया जाए। वहीं पुलिस अफसरों व कर्मचारियों के वकीलों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि सीबीआई पूछताछ को लेकर बहाने बना रही है। ऐसे में रिमांड की जरूरत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत में रिमांड बढ़ाने से इनकार कर दिया और आठों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने कोटखाई थाने में हिरासत में मारे गए आरोपी सूरज की हत्या के मामले में विशेष जांच दल के आठ सदस्यों को 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। इनमें आईजी जहूर जैदी, डीएसपी ठियोग मनोज जोशी, कोटखाई थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, तीन हैड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रसिक मोहम्मद और कांस्टेबल रंजीत शामिल हैं। अदालत ने इनको सात दिन के सीबीआई रिमांड पर भेजा था। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई  इन सभी को पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई थी। वहीं, चार सितंबर को फिर से सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उनको फिर तीन दिन के रिमांड पर भेजा गया था। रिमांड खत्म होने के बाद गुरुवार को फिर से उनको अदालत में पेश किया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी आठ आरोपियों को 21 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि इनकी अगली पेशी अब 21 सितंबर को होगी। संभावना है कि यह पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से  हो।

कोर्ट लाने से पहले मेडिकल

आरोपियों का अदालत ले जाने से पहले मेडिकल चैकअप करवाया गया। सीबीआई ने आईजीएमसी से डाक्टरों को भेजने का आग्रह किया था। इस पर आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद और एक चिकित्सक बालूगंज थाना भेजे गए थे।

टेंशन मुक्त दिखे आईजी

सीबीआई सभी आरोपियों को गुरुवार दोपहर बाद करीब अढ़ाई बजे अदालत परिसर में लाई। इस दौरान आईजी जैदी टेंशन मुक्त दिखे। इनके माथे पर कोई शिकन नहीं थी। इससे पहले जब इनको गिरफ्तार किया गया था, तब भी आईजी जैदी मुस्कुरा रहे थे।