भाखड़ा विस्थापितों को नहीं चाहिए जमीन!

प्रदेश सरकार के बार-बार लैटर भेजने के बाद भी प्लॉट लेने नहीं आ रहे आगे

 बिलासपुर— भाखड़ा बांध के निर्माण के लिए अपने घर, जमीन व आशियानों को बलि चढ़ाने वाले विस्थापित राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई जमीन पर प्लॉट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे। शहर की एचआरटीसी कालोनी के समीप खाली पड़ी सरकारी जमीन पर चिन्हित किए गए 118 प्लॉट्स में से अभी तक लगभग 60 प्लॉट्स का ही आबंटन हो पाया है, जबकि शेष प्लॉट्स के आबंटन के लिए जिला प्रशासन द्वारा पात्र परिवारों को बार-बार चिट्ठियां भेजने के बावजूद उस ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही, जिस कारण प्लॉट आबंटन की प्रक्रिया लटक गई है। जानकारी के मुताबिक साठ के दशक में भाखड़ा बांध निर्माण के साथ ही पुराने शहर के लोगों को नए शहर में बसाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई थी। उसके बाद भी 364 परिवार ऐसे हैं, जिन्हें प्लॉट्स का आबंटन नहीं हो सका था। इसके तहत यहां शहर में एचआरटीसी कालोनी के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन का चयन किया गया। बिलासपुर के तहसीलदार जेआर भारद्वाज का कहना है कि हालांकि करीब साठ पात्र परिवारों को प्लॉट आबंटन के बाद इंतकाल भी हो चुके हैं, लेकिन शेष पात्र परिवार प्लॉट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे। हालांकि बार-बार पत्र भी भेजे गए, लेकिन उस ओर से कोई जवाब नहीं आया।

245 विस्थापितों को बसाना चुनौती

245 विस्थापितों को बसाने के लिए भी जिला प्रशासन ने परनाली और पड़गल में 211 बीघा जमीन का चयन कर रखा है, लेकिन अभी तक इस बाबत अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। यह जमीन बंदलाधार पर परनाली और नौणी के पास पड़गल में चयनित की गई है। प्रशासन ने जमीन संबंधी तय औपचारिकताएं पूरी करने के लिए प्रोसेस भी शुरू कर दिया है।