यूएन ने शर्मसार किया पाक

जेहाद-आतंकवाद को स्टेट पालिसी के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप

जिनेवा— संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के एक पैनल ने बुधवार को पाकिस्तान को शर्मसार करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जम्मू और कश्मीर जैसी जगहों पर जेहाद और आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज के एक्सपर्ट बर्जीन वाघमार ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के मामले में पाकिस्तान ने हमेशा से जेहाद को अपनी विदेश नीति के हिस्से के तौर पर इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब भी जम्मू और कश्मीर में जेहाद को स्टेट पालिसी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। वाघमार ने कहा कि 26/11 मुंबई हमले की वजह से समग्र बातचीत प्रक्रिया पटरी से उतर गई। इससे कश्मीरियों को धक्का लगा होगा। इसके लिए कश्मीरियों को पाकिस्तान को दोषी मानना चाहिए। वाघमार जिनेवा में यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम दक्षिण एशिया में आतंकवाद में बोल रहे थे। वाघमार ने कहा कि कश्मीर में भारतीय सैनिकों को कड़ी जांच का सामना करना पड़ता है, जबकि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान और नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस के गांवों में कुछ भी करने को आजाद है। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कान्फ्रेंस और खासकर उसके उग्रवादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को अपने बलूच रिश्तेदारों के प्रति संवेदना जतानी चाहिए, जो सड़कों के किनारे अपनों के शवों को पाते हैं, जिन्हें पाकिस्तान बेरहमी से खत्म कर रहा है। सीनियर रिसर्चर और राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर बोरिस विल्की ने आतंकवाद को परिभाषित करते हुए कहा कि आतंकवाद एक रणनीति है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है और आतंकवाद के जरिए जिस तरह छद्म युद्ध छेड़ा जा रहा है, उससे वैश्विक शांति को खतरा है। प्रोफेसर विल्की ने कहा कि जम्मू और कश्मीर इसका उदाहरण हैं।