विधायकों के अच्छे दिन

(सुरेश कुमार ,योल)

हिमाचल की जनता के अच्छे दिन आएं या न आंए, पर हिमाचल के विधायकों के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं। उम्मीद यह थी कि मंत्रिमंडल की बैठक में जनता के लिए फैसले होंगे, पर यहां तो विधायकों को लीज पर जमीन देने पर मुहर लग गई। इसी सरकार के कार्यकाल में दो बार विधायकों के वेतन- भत्तों में वृद्धि हो चुकी है। एक बार तो 7 सेकंड में टेबल थपथपाए और वेतन बढ़ गया। कर्ज में डूबे प्रदेश की  सरकार विधायकों को खुश करने में कसर नहीं छोड़ रही। यदि विधायक चाहें तो एक महीने के वेतन- भत्ते छोड़ें, तो प्रदेश का कर्ज कम हो सकता है। ऐसे ही नहीं आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट के लिए  होड़ लगी है। सब जानते हैं एक बार विधायक बने तो सब सुविधाओं के साथ ताउम्र पेंशन की व्यवस्था। जबकि कर्मचारी 58 साल सेवा के बाद भी पेंशन के हकदार नहीं। नई पेंशन योजना में अभी हाल ही में रिटायर एक जेबीटी शिक्षक को 1700 रुपए पेंशन, इस पर सरकार का ध्यान नहीं गया। अब तो वैसे भी चुनावी वर्ष है, जो होना था हो गया। बस दस दिन की बात है और आचार संहिता सब ठप कर देगी। काश, मुख्यमंत्री इन विधायकों के बजाय प्रदेश का सोचते, जिसका कर्ज से कूबड़ निकल गया है।