वोट नहीं डालेंगे पीटीए शिक्षक

संघर्ष मंच की दो टूक; 12 साल से मांगें पूरी नहीं, अब बहिष्कार

नाहन – प्रदेश पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा पीटीए शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पीटीए शिक्षकों का कहना है कि वर्ष-2012 में विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने शिक्षकों के साथ वादा किया था कि सत्ता में आते ही पीटीए शिक्षकों के लिए नीति बनाएंगे। पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच सिरमौर के जिला प्रभारी अश्वनी ठाकुर, जिलाध्यक्ष विनोद गौतम, महासचिव विनीता ठाकुर, सचिव सुचेता भारद्वाज, उपाध्यक्ष संजीव राणा, सह-प्रभारी अतर पोजटा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य कश्मीर ठाकुर व कमल चौहान आदि ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार अनुबंध पीटीए अध्यापकों द्वारा 12 साल से उठाई जा रही मांगें पूरा नहीं करती है, तो सभी अनुबंध पीटीए अध्यापक परिवार सहित विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करते हुए राइट-टू वोट को सरेंडर करेंगे। 12 साल से पीटीए शिक्षकों का शोषण हो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। संघर्ष मंच ने कहा कि 27 को कैबिनेट में अनुबंध पीटीए अध्यापकों को सशर्त नियमितीकरण का निर्णय नहीं लिया तो मजबूरन पीटीए शिक्षकों को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। शिक्षकों का कहना है कि सरकार द्वारा शिक्षकों की मांगें लगातार नजरअंदाज की  जा रही हैं, जिससे शिक्षकों में सरकार के प्रति भारी रोष है। पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच का कहना है कि अध्यापकों ने सरकार के समक्ष तीन सूत्री मांग रखी है। अगर सरकार ये मांगें पूरा नहीं करती है तो विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दल को भारी विरोध का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षकों ने सरकार से मांग की कि पीटीए शिक्षकों की मांगों को प्राथमिकता की तर्ज पर हल किया जाए।