सैहब सोसायटी की मांगें
* कर्मचारियों को नगर निगम में मर्ज किया जाए
* मर्ज नहीं तो न्यूनतम वेतन 10500 किया जाए
* कर्मचारियों के काम के घंटे निश्चित हों
* एनुअल जनरल वार्डों की बैठक जल्द हो
34 वार्डों में अव्यवस्था
जब भी सैहब कर्मचारियों की हड़ताल होती है तो निगम कलेक्शन सेंटर से कूड़ा उठाने का प्रबंध करता है, लेकिन कलेक्शन सेंटर तक उन्हीं घरों से कूड़ा आता है, जो सड़क के नजदीक हैं। बाकी घरों में कूड़ा कई दिनों तक पड़ा रहता है, वहीं डस्टबिन भी समय पर खाली नहीं हो पाते। अब हड़ताल से 34 वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है।
शहर को कूड़े से यह परेशानी
यहां-वहां फैले कूड़े के ढेर बंदरों और आवारा कुत्तों को खुला निमंत्रण देते हैं। इसके चलते राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ती है। इसके अलावा बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। आईजीएमसी एमएस डाक्टर रमेश के अनुसार कूड़े से कीटाणुओं का जन्म होता है, जो वातावरण से सांस द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। इसके अलावा मक्खी और मच्छर फैलते हैं, जो हमारे भोजन को दूषित करते हैं।
ऐसा है गारबेज कलेक्शन
नगर निगम में गारबेज कलेक्शन के लिए डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन की व्यवस्था है। घरों से कूड़ा उठाने के लिए वार्डवाइज सैहब कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। घरों से कूड़ा उठाकर यही कर्मचारी निगम की गाडि़यों में कूड़ा लोड करते हैं। ये गाडि़यां भरयाल स्थित कूड़ा संयंत्र तक कूड़ा पहुंचाती है, जहां पर कूड़े से बिजली बनाने का काम हाल ही में शुरू हुआ है।