होली को पांच लाख का इनाम

चंबा —  एनआईटी हमीरपुर में आयोजित समारोह के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आवारा पशुओं के बेहतर प्रबंधन को लेकर पशुधन योजना के लिए चंबा जिला की ग्राम पंचायत होली को सर्वश्रेष्ठ पंचायत घोषित किया। इसके लिए ग्राम पंचायत प्रधान वंदना डलैल को पांच लाख की राशि का पुरस्कार दिया गया। इसी विकास खंड की ग्राम पंचायत लामू की प्रधान नीमा शर्मा को महर्षि वाल्मीकि संपूर्ण स्वच्छता मिशन के लिए सम्मानित किया गया। आवारा पशुओं के बेहतर प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायत सियूंर को दूसरी नंबर पर आंका गया। इसके लिए ग्राम पंचायत प्रधान दुनी चंद को दो लाख की राशि का पुरस्कार दिया गया। उक्त राशि ग्राम पंचायत के विकास कार्यों पर खर्च होगी। जनजातीय क्षेत्र की उक्त तीनों पंचायतों की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जमकर सराहना की। उन्होंने पंचायत प्रधान वंदना डलैल, नीमा शर्मा तथा दुनी चंद को बेहतर कार्यों के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री  ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के सभागार में आयोजित महर्षि वाल्मीकि संपूर्ण स्वच्छता मिशन के अंतर्गत पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश वर्ष 2019 तक सम्पूर्ण स्वच्छता के शत-प्रतिशत लक्ष्यों को हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वच्छता मानकों को अपनाने तथा खुले में शौच करने की पुरानी प्रथा को समाप्त करने के लिए तथा स्वच्छता चुनौतियों से निपटने के लिए ग्रामीण समुदायों को प्रेरित करने पर आधारित एक व्यापक कार्य योजना की शुरूआत की गई है। इस कार्य योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने वार्षिक प्रतिस्पर्धा के आधार पर खंड, जिला, मण्डल तथा राज्य स्तर पर चयनित सर्वाधिक स्वच्छ ग्राम पंचायतों को महर्षि वाल्मीकि सम्पूर्ण स्वच्छता पुरस्कार शुरू किए हैं। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता अपनाने तथा बेहतर शिशु लिंग दर के लिए पंचायतों को प्रशस्ति पत्र तथा 10 लाख रुपये के नगद पुरस्कार प्रदान किए। इसके अलावा पशुधन योजना, बालिका गौरव पुरस्कार, बेहतर स्वास्थ्य मानकों, मनरेगा तथा ठोस एवं तरल कचरा के बेहतर प्रबन्धन के लिए भी पुरस्कार वितरित किए गए। पुरस्कार प्राप्त करने वाली पंचायतों में कुल्लू जिला की जिया, नगरोटा बगवां की बराणा, लंबागांव की सारी, हमीरपुर जिला के भौरंज की हनोह, कांगड़ा के सुलह की क्यारवां, नालागढ़ की कृष्णपुरा, काजा की कौरिक, सोलन जिला के टॉप की बेड़, बंगाणा की जोल, काजा की सगनम, शिमला जिला के ननखड़ी की थैली चकटी, भोरंज की अमरोह, किन्नौर जिला के पुरबाणी, जुब्बल-कोटखाई की महासू तथा कांगड़ा जिला के रैत की परेई शामिल हैं।