परियोजना उत्पादकों को राहत देगी सरकार, चुनौतियों पर शिमला में किया मंथन
ऊर्जा उत्पादकों को फटकार
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा तरुण श्रीधर ने ऊर्जा उत्पादकों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे केवल वित्तीय राहत की ही बात न करें, बल्कि सभी चुनौतियों से निपटने की बात करें, ताकि सरकार इसका हल निकाल सके। उन्होंने बताया कि सरकार ने कैपेसिटी बढ़ाने की राशि 20 लाख से घटाकर एक लाख कर दी है, वहीं जमीन खरीद में ही राहत प्रदान की है। एक कमेटी बनाई गई है, जो कि मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखकर पावर पालिसी में संशोधन करेगी।
सोलर-विंड एनर्जी की तरह मिले राहत
सेंट्रल वाटर कमीशन के पूर्व चेयरमैन एबी पाडया ने प्रेजेंटेशन देते हुए कहा कि हाइड्रो पावर को भी सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में देखे और जो रियायतें सोलर पावर व विंड एनर्जी के लिए दी जा रही हैं, वे इस सेक्टर में भी दी जाएं तो राहत मिलेगी। उनका कहना था कि वर्तमान में बिजली बनाने की लागत अधिक हो गई है, जबकि टैरिफ की दर कम होती जा रही है, जिससे उत्पादक आगे नहीं बढ़ पा रहे। यहां बिजली बोर्ड के निदेशक परियोजना पवन कोहली ने भी उत्पादकों के सामने पेश आ रही दिक्कतों के बारे में बताया, वहीं पावर प्रोड्यूसर एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएम वालिया ने इस क्षेत्र को राहत देने की बात कही।
विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !