343 विद्यार्थी उपाधि से सम्मानित

कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बांटी डिग्रियां

पालमपुर — कृषि विवि के 14वें दीक्षांत समारोह में 343 विद्यार्थियों को उपाधि से सम्मानित किया गया। राज्यपाल और कृषि विवि के कुलाधिपति आचार्य देवव्रत ने कृषि विवि के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उपाधियां व स्वर्ण पदक प्रदान किए। जिन 343 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई, उनमें 19 विद्यावाचस्पति यानी पीएचडी, 97 स्नातकोत्तर और 227 स्नातक शामिल हैं। 2015-16 के सत्र के लिए आयोजित दीक्षांत समारोह में उपाधि व स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों की सूची में छात्राओं ने छात्रों को मात दे दी, जिसके लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी बेटियों को खूब शाबाशी दी। उपाधि प्राप्त करने वाले 343 विद्यार्थियों में छात्रों की संख्या 121, तो छात्राओं का आंकड़ा 222 रहा। वहीं इस अवसर पर प्रदान किए गए कुल 22 स्वर्ण पदकों में से 18 छात्राओं के नाम रहे, जबकि मात्र चार गोल्ड मेडल छात्रों के नाम रहे। शानदार प्रदर्शन करते हुए तथा सोनाली मिश्रा ने चार और पलक ने तीन स्वर्ण पदक प्राप्त किए। छात्रों में परस्पर प्रतिभा को बढ़ावा देने हेतु जिन प्रतिभाशाली छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, उनमें बीएएसी आनर्स कृषि की दीपाली, बीवीएससी एंड एएच की सोनाली मिश्रा, बीएससी आनर्स गृह विज्ञान की आंचल परमार, बीएससी आतिथ्य एवं होटल प्रबंधन की सुष्मिता शर्मा, बीटेक खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से पलक, बीएससी से शालिनी जरियाल, स्नातकोत्तर कार्यक्रम से गौरव और विद्यावाचस्पति कार्यक्रम से शैलजा बिंद्रा शामिल हैं।

जैविक-जीरो बजट खेती पर हो शोध

पालमपुर — कृषि विवि के कुलाधिपति आचार्य देवव्रत ने कृषि वैज्ञानिकों विशेषकर नव स्नातकों से जैविक और जीरो बजट खेती के शोध की ओर अग्रसर होने का आह्वान किया है। आचार्य देवव्रत ने कहा कि जब सिक्किम जैसा छोटा सा प्रदेश जैविक राज्य बन सकता है, तो हिमाचल में भी ऐसी संभावनाओं को तलाशा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रसायनों के प्रभाव से भूमि ही नहीं, लोग भी प्रभावित हो रहे हैं और अनेक तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. अशोक सरयाल की अगवाई में विवि में पारिवारिक वातावरण बना है और कार्य संस्कृति को बढ़ावा मिला है।