अब छलकेगा नेताओं का हिमाचल प्रेम

(सुरेश कुमार, योल )

पांच साल जो हिमाचल केंद्र के आगे गिड़गिड़ाता रहा, अब उसी हिमाचल को नेता पलकों पर बिठाएंगे। सत्ता है ही ऐसी चीज कि बड़ों-बड़ों की लार टपका देती है। अब नरेंद्र मोदी आएंगे और कहेंगे कि हिमाचल उनका घर है, वह हिमाचल की पगडंडियों पर घूमे हैं और पता नहीं क्या-क्या कि जैसे उनका पूरा ख्याल ही हिमाचल पर है। और सच तो यह है कि वह जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों को बजट में ज्यादा तरजीह देते हैं। क्या प्रधानमंत्री को पता नहीं कि हिमाचल कब से रेल के लिए रो रहा है, हिमाचल रेजिमेंट के लिए कब से गुहार लगा रहा है। चुनाव आए तो पलक झपकते ही उड़कर आए और एम्स का शिलान्यास कर गए और सेंट्रल यूनिवर्सिटी अभी भी आंखों से ओझल है। हिमाचली नेता भी कम नहीं हैं। कोई प्रदेश को कांग्रेस मुक्त, तो कोई भाजपा मुक्त करना चाहता है। कोई भी नेता हिमाचल को कर्ज मुक्त करने की बात नहीं करता। इस चुनावी बयार में हर किसी पर प्रदेश भक्ति का बुखार चढ़ा है। इन नेताओं को पता ही नहीं पिछले कार्यकाल से अब तक कर्ज 32 हजार करोड़ से 45 हजार करोड़ पहुंच गया और नेताओं की संपत्ति कई गुना बढ़ गई है। जितना पैसा ये नेता चुनावों पर पानी की तरह बहाएंगे, उससे प्रदेश का आधा कर्ज उतर सकता है। कर्ज उतर गया, तो विकास अपने आप होगा। कुछ भी हो चुनाव नेताओं को कुछ दिनों के लिए देशभक्ति जरूर सिखा जाते हैं।