पुणे में भारत-न्यूजीलैंड वनडे से कुछ घंटे पहले स्टिंग आपरेशन, मनचाही विकेट के लिए सौदेबाजी का खुलासा
मैच पर संकट ऐसे हुआ दूर
पांडुरंग को हटाने के बाद बुधवार को ही भारतीय बोर्ड ने साथ ही तुरंत प्रभाव से रमेश महामुनकर को नया क्यूरेटर नियुक्त कर दिया, जिन्होंने यहां बुधवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे वनडे में सेंटर पिच को खेलने के लिए सुनिश्चित किया। मैच से पूर्व आईसीसी के मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड ने भी पिच की समीक्षा की और इसी पिच को खेलने के लिए उपयुक्त करार दिया। इससे पहले सुबह ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी ने यह संकेत दिए थे कि यदि पिच को लेकर किसी तरह का भी संदेह पैदा होता है तो साथ की दूसरी पिच पर मैच कराया जा सकता है, लेकिन नए क्यूरेटर और मैच रैफरी की सहमति के बाद सेंटर पिच पर मैच कराया गया।
ऐसा था स्टिंग
बुधवार को एक टीवी चैनल ने स्टिंग आपरेशन में यह दावा किया कि उसके पत्रकार ने क्यूरेटर से सट्टेबाज के तौर पर मुलाकात की थी और तेज गेंदबाजों के हिसाब से पिच को तैयार करने के लिए मांग की। इस स्टिंग में क्यूरेटर को भी कैमरा पर पिच को तेज गेंदबाजों के हिसाब से तैयार करने की मांग पर सहमति जताते हुए दिखाया गया है। क्यूरेटर ने कहा कि यह पिच बहुत अच्छी है और यहां पर 337 तक के बड़े स्कोर का भी पीछा किया जा सकता है। सलगांवकर को कैमरा पर साफ तौर पर देखा जा सकता है और वह पिच पर चलते हुए भी दिख रहे हैं। उन्होंने पत्रकार से बातचीत में कहा कि इस तरह पिच पर चलना मना है, लेकिन मैंने आपके लिए ऐसा किया। बीसीसीआई के पर्यवेक्षक भी आसपास बैठे हुए हैं।
सीओए सख्त
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासक कमेटी (सीओए) ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है और सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा कि सीओए इस तरह की घटनाओं के सख्त खिलाफ है और इस मामले में विस्तृत जांच की जाएगी। इस मामले को हमने पूरी गंभीरता के साथ लिया है। हम इस मामले को देख रहे हैं और संबंधित अधिकारियों से भी हमने इस बारे में बात की है। हमने अधिकारियों से इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है।