आज करो या मरो

अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप में कोलंबिया के खिलाफ उतरेगा भारत

नई दिल्ली – पहली बार फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप फुटबाल टूर्नामेंट में खेल रहे भारत ने अमरीका के खिलाफ 0-3 की हार में सराहनीय संघर्ष का परिचय देते हुए फुटबाल प्रेमियों का दिल जीता था, लेकिन सोमवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोलंबिया के खिलाफ होने वाला दूसरा ग्रुप ए मैच उसके लिए करो या मरो का मु़काबला बन गया है। भारत जैसी स्थिति कोलंबिया की भी है, जिसे अपने पहले मैच में मजबूत घाना के हाथों 0-1 की हार का सामना करना पड़ा था। कोलंबिया को भी नॉकऑउट दौर में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को बनाए रखने के लिए यह मैच जीतना होगा। कोलंबिया को इस मैच में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन भारत ने अमरीका के खिलाफ किया था उसे देखते हुए कोलंबिया की टीम भारत को हल्के में लेने की गलती नहीं करेगी। भारतीय टीम बेशक पहले मैच में अमरीका से तीन गोल के अंतर से हार गई, लेकिन टीम का मनोबल ऊंचा है और यह जज्बा भारतीय कोच लुइस नोर्टन डी मातोस  के शब्दों में दिखाई देता है। कोच ने कहा कि टीम आखिरी मिनट तक लड़ेगी और कोलंबिया के खिलाफ पूरे मनोबल के साथ उतरेगी। कोच ही नहीं, भारतीय खिलाडि़यों ने भी कोलंबिया के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन का भरोसा जताया है। कप्तान अमरजीत सिंह, विंगर कोमल थाटल, अनिकेत जाधव और राहुल के पी का कहना है कि टीम विश्व कप में पहली बार हिस्सा लेकर पहले ही इतिहास रच चुकी है और अब टीम का लक्ष्य फीफा विश्व कप में कोई मैच जीतने वाली पहली टीम बनने का इतिहास रचना है। भारतीय खिलाड़ी इस मौके के महत्त्व को समझते हैं और वे जीत हासिल करने के लिए अपना सब कुछ झोंकने को तैयार हैं। यह भारतीय टीम मैक्सिको सिटी में चार देशों के टूर्नामेंट में कोलंबिया से भिड़ी थी, जहां भारत को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन यह विश्व कप है, बदले हुए हालात हैं और भारतीय टीम के पास अपने खेल को उठाने के 50 हजार दर्शकों का समर्थन मौजूद रहेगा।

पिछला मुकाबला घाना से हारा कोलंबिया

कोलंबिया की टीम विश्व कप के लिए सबसे पहले भारत पहुंची थी। घाना से मिली एक गोल की हार के बाद मु़काबले में बने रहने के लिए उसे हर हाल में जीत हासिल करनी है, क्योंकि उसका आखिरी ग्रुप मु़काबला अमरीका से होना है। कोलंबिया की टीम छठी बार अंडर-17 विश्व कप खेलेगी। वह 2009 में नाइजीरिया में खेले गए विश्व कप के बाद इस बड़े टूर्नामेंट में जगह बना पाई है। 2003 और 2009 में वह तीसरे स्थान पर रही थी।