आतंकियों को खत्म करे पाक

साझा मंच से भारत-अमरीका ने दी चेतावनी, आतंकी पनाहगाहों की तय होगी जिम्मेदारी

नई दिल्ली— भारत और अमरीका ने अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त करने के साथ ही बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। भारत दौरे पर आए अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के साथ यहां बैठक के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा कि हम दोनों इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवादी तत्वों की मदद करने वाले देश की जवाबदेही तय होनी चाहिए। एशिया के बारे में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीति तब तक कारगर नहीं हो सकती जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता है। श्रीमती स्वराज के बयान का समर्थन करते हुए श्री टिलरसन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमरीका भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और दोनों देश स्वाभाविक सहयोगी हैं। उन्होंने आगे कहा आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की स्थिरता के लिए भी बड़ा खतरा हैं। इस मामले में अमरीका पाकिस्तान की मदद करना चाहता है। यह पाकिस्तान के खुद के हित में होगा। श्री टिलरसन हाल ही के दिनों में भारत यात्रा पर आने वाले पहले बड़े अमरीकी नेता हैं। विदेश मंत्रालय  के प्रवक्ता रवीश कुमार ने श्रीमती स्वराज और श्री टिलरसन की मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती मिलेगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि भारत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन और अमरीकी कांग्रेस के सदस्यों के साथ एच1बी और एल-1 वीजा के बारे में भारतीय पेशेवरों के हितों को लेकर लगातार संवाद बनाए हुए है। श्रीमती स्वराज ने यहां अमरीका के विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन की मौजूदगी में कहा कि बैठक में भारतीय कुशल पेशेवर जो एच-1 बी और एल-1 वीजा के तहत अमरीका गए हैं और अमरीका की अर्थव्यवस्था में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान पर भी हमने चर्चा की है।  काफी समय से लंबित टोटलाइजेशन के मुद्दे के हल के लिए भी मैंने विदेश मंत्री टिलरसन से सहयोग मांगा है और यह चाहा है कि अमरीका द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया जाए, जिससे भारत के हितों को आघात लगे।

दोनों देशों में रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर

सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचार हुआ। सुषमा ने कहा कि अमरीका के साथ प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। स्वतंत्र नौवहन, आबाधित व्यापार के महत्त्व के सिद्धांतों के आधार पर हम सहयोग बढ़ाने पर विचार करेंगे।

उत्तर कोरिया से नहीं हटाएंगे दूतावास

सुषमा स्वराज ने कहा कि उत्तर कोरिया के साथ भारत के व्यापारिक संबंध हैं और दोनों देशों में एक-दूसरे के दूतावास भी हैं। उत्तर कोरिया के मसले को लेकर टिलरसन के साथ व्यापक बातचीत हुई है। हमारा और उत्तर कोरिया का ट्रेड कम हो गया है। हमारा छोटा दूतावास है वहां। सुषमा ने कहा कि उन्होंने टिलरसन से कहा कि कुछ मित्र देशों के दूतावास वहां रहें, ताकि आपसी संवाद का रास्ता खुला रहे। भारत वहां से अपना दूतावास नहीं हटाएगा, ताकि वह वहां अमरीका का पक्ष रख सके।