कुल्लू में देव महाकुंभ

भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ अंतरराष्ट्रीय दशहरे का आगाज

कुल्लू— भगवान रघुनाथजी की अलौकिक रथयात्रा और अनूठे देव मानस मिलन के साथ शनिवार को कुल्लू अंतरराष्ट्रीय दशहरे का आगाज हुआ। देवों के इस महाकुंभ के नजारे के हजारों श्रद्धालु साक्षी बने। इस भव्य देव महाकुंभ को देखने के लिए प्रदेश की कई नामी हस्तियां भी यहां पर पहुंची हुई थीं। महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत अपने पूरे परिवार सहित इस भव्य देव मिलन के साक्षी बने। सदियों से चली आ रही रस्मों को निभाने के साथ ही इस देव महाकुंभ का आगाज हुआ। इन हजारों लोगों ने अधिष्ठाता देव भगवान रघुनाथ के रथ को खींचकर पुण्य भी कमाया। आस्था के इस सैलाब में कुल्लू की नगरी को राम रंग में रंगते देर नहीं लगी। इतना ही नहीं, विदेशी सैलानी भी इस अद्भुत व अलौकिक नजारे को अपने कैमरे में कैद करने के लिए उत्साहित नजर आए। प्राचीन वाद्य यंत्रों ढोल, दराघ, दुंदुभि, बांसुरी, भाणा, घंटी, डफाल करनाहल व कणसी की देव स्वरलहरियों पर ढालपुर में हुए भव्य देव मिलन ने हजारों लोगों को स्वर्ग लोक जैसी अनुभूति करा दी। हजारों लोगों ने अपने-अपने ईष्ट देवी-देवताओं के आगे सिर झुकाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। आस्था के इस सैलाब में हर कोई राम रंग में ही रंगा हुआ नजर आया। अपनी ही धुन में नाचते देवलुओं ने रघुनाथ की भव्य रथयात्रा में आए हुए देवलुओं में भी जोश भर दिया। भगवान राघव की विस्मृत कर देने वाली इस भव्य रथयात्रा में देवी हिडिंबा, बिजली महादेव, ज्वाणी महादेव, देवता नाग धूमल समेत अठारह करड़ू देवताओं ने भाग लेते हुए धरा पर हुए इस सबसे बड़े देव समागम में चार चांद लगा दिए। दूसरी ओर पिछले कई सालों से चले आ रहे धुर विवाद को इस बार भी टालने के लिए देवता श्रृंगा ऋषि और देवता बालू नाग के साथ पुलिस प्रशासन के पहरा रहा। ये दोनों ही देवता भगवान रघुनाथ की रथयात्रा का हिस्सा नहीं बन पाए। भगवान रघुनाथ की इस अद्भुत, अलौकिक…अद्वितीय रथयात्रा में घाटी के 65 से 70 देवी-देवताओं ने हिस्सा लेकर रथयात्रा की शोभा को बढ़ा दिया। रथयात्रा में पुलिस प्रशासन का रक्षा घेरा भी काफी मजबूत रहा। रथ मैदान दोपहर बाद भी एक छावनी जैसा रहा, लेकिन आस्था का सैलाब सुरक्षा घेरे पर भारी पड़ता हुए दिखाई दिया।