बिन पटाखों के दिवाली

(राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा )

देश की सबसे बड़ी अदालत ने पटाखों से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली और एनसीआर में 31 अक्तूबर तक बिक्री पर रोक लगा दी है। हालांकि न्यायालय के इस फैसले से कुछ व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन वायु प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियों से बचने के लिए यह एक सराहनीय फैसला है। यह दीगर है कि पटाखों का धुआं वायु को प्रदूषित तो करता है। यही कारण है कि हर साल की तरह पिछले साल भी दिवाली के बाद दिल्ली की आबोहवा दूषित हुई थी। इन कुप्रभावों को देखते हुए बिना पटाखों की दिवाली ही पर्यावरण के लिए उचित होगी। पटाखों से वायु प्रदूषण ही नहीं, बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी बहुत होता है। न्यायालय के इस फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए। यह भी कि अदालत ने महज दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई है। यहां यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या लोग दूसरे राज्यों या वहीं से दो नंबर में पटाखे खरीद कर चलाने से परहेज करेंगे? कुछ लोग कोर्ट के इस फैसले पर यह राय भी देंगें कि क्या दिवाली पर एक दिन पटाखे चलाने से प्रदूषण कम हो जाएगा? इसका सीधा सा एक ही जवाब है कि जिस तरह प्रदूषण बढ़ रहा है, उसके लिए प्रदूषण बढ़ाने वाला एक दिन भी जहर है। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर दूसरे राज्यों को भी गौर करना चाहिए, ताकि पूरे देश में प्रदूषण के स्तर को नीचे लाया जा सके।