बुनियादी हथियारों को भी तरस रहे सेना के जवान

12 लाख की क्षमता वाली सेना को 818500 आधुनिक रायफल्स की जरूरत

नई दिल्ली— भारतीय सेना अभी तक नए आधुनिक हथियार और उपकरण की बुनियादी सुविधाओं तक से वंचित है। सैनिकों के प्रयोग करने वाली रायफल, स्नाइपर गन से लेकर हल्के वजन वाली मशीनगन और युद्ध में प्रयोग होने वाली कार्बाइन्स जैसी बुनियादी चीजें भी मानक स्तर की नहीं हैं। दशकों तक विदेशों से हथियार और सामग्री मंगवाते रहने और स्वदेशी विकल्पों के लगातार फेल होने के कारण आज तक स्थिति गंभीर बनी हुई है। पिछले सप्ताह आर्मी कमांडर्ज की कान्फ्रेंस में यह बात फिर से उठाई गई कि छोटे हथियारों को युद्धक्षेत्र तक ले जाने में काफी समय लगता है। इस मौके पर आर्मी चीफ बिपिन रावत ने अपने सीनियर कमांडरों को कहा कि सरकारी खरीद की प्रक्रिया में संतुलन और सही स्थान दोनों का ही ध्यान रखना होता है। बड़े आपरेशन के लिए के तोपखाने, बंदूक, एयर डिफेंस मिसाइल और हेलिकाप्टर को लेकर कुछ योजनाएं ट्रैक पर हैं, लेकिन छोटे हथियार अभी चिंता का कारण हैं। सूत्रों के अनुसार अभी की स्थिति में 12 लाख की क्षमता वाले भारतीय सेना को 818500 न्यू जेनरेशन असॉल्ट रायफल्स की जरूरत है। इसके साथ ही 418300 क्लोज क्वार्ट बैटल कार्बाइन, 43700 लाइट मशीनगन और 5679 स्नाइपर रायफल खरीदने की योजना है। इन आंकड़ों में एयरफोर्स और नेवी भी शामिल हैं।