मौसम के अनुसार डाइट

डाइट पर ध्यान दिया जाए तो हर मौसम में स्वस्थ रहा जा सकता है। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि किस मौसम में क्या खाएं और क्या न खाएं। हर मौसम का अपना स्वभाव होता है जिसके अनुसार हम कपड़े पहनते हैं और रहन-सहन में बदलाव करते हैं। मौसम के बदलते ही हमारे खाने-पीने का अंदाज भी बदलता है। आइए जानते हैं मौसम के अनुरूप क्या खाएं और क्या न खाएं।

शिशिर ऋतु (जनवरी से मार्च)-

क्या खाएंः इस मौसम में घी, सेंधा नमक, मूंग की दाल की खिचड़ी, अदरक व कुछ गर्म तासीर वाला खाना खाएं।

इनसे परहेज करें- तला-भुना खाना, ठंडी प्रकृति वाला बादी भोजन और नॉन सीजनल फूड।

बसंत ऋतु (मार्च से मई)-

क्या खाएं –  इस मौसम में जौ, चना, ज्वार, गेहूं, चावल, मूंग, अरहर, मसूर की दाल, मूली, बथुआ, परवल, करेला, तोरई, केला, खीरा, हींग, मेथी, जीरा, आंवला आदि कफ नाशक पदार्थों का सेवन करें। इस मौसम में गर्मी बढ़ जाती है, इसलिए नारियल पानी का सेवन लाभकारी साबित होता है।

इनसे परहेज करें- आलू, उड़द, सिंघाड़ा, खट्टे-मीठे और चिकने पदार्थों का सेवन इस मौसम में हानिकारक है। इनसे कफ में वृद्धि होती है।

ग्रीष्म ऋतु (जून से जुलाई)-

क्या खाएं- पुराना गेहूं, जौ, सत्तू, खीर, दूध, ठंडे पदार्थ, कच्चे आम का पना, बथुआ,  परवल, ककड़ी, तरबूज खाएं।

इनसे परहेज करें- ज्यादा तेल और मसाले वाला भोजन, नमकीन, चटपटे, गर्म व रूखे पदार्थों का सेवन न करें।

वर्षा ऋतु (अगस्त से सितंबर)

क्या खाएं- पुराने चावल, पुराना गेहूं, खिचड़ी और हल्के पदार्थों का सेवन करना चाहिए। बरसात में पाचन शक्ति कमजोर रहती है, अतः कम मात्रा में भोजन करने से शरीर स्वस्थ रहता है।

शरद ऋतु (अक्तूबर से नवंबर)

क्या खाएं- शीत ऋतु में पाचन शक्ति प्रबल होती है, खाना आसानी से पच जाता है। गर्म दूध, घी, गुड़, मिसरी, खीर, आंवला, नींबू, अनार, नारियल, मुनक्का, गोभी तथा शक्ति प्रदान करने वाले पदार्थों का सेवन करें।

हेमंत ऋतु (दिसंबर से जनवरी)

क्या खाएं – सभी प्रकार के आयुर्वेदिक रसायन, दूध से बने पदार्थ, आलू, नया चावल, छाछ, अनार, तिल, बथुआ तथा जो भी सेहत बनाने वाले पदार्थ हों, ले सकते हैं। वैसे भी शीत ऋतु सेहत बनाने के लिए सर्वोत्तम मानी गई है। पौष्टिक

व विटमिन्स से भरपूर पदार्थ लेना चाहिए।