यमुनानगर में मशीनरी बैंक स्थापित

उपायुक्त रोहतास ने दी जानकारी, कृषि यंत्र खरीदने पर किसानों को मिलेगी 40 प्रतिशत सबसिडी

यमुनानगर —  उपायुक्त रोहतास सिंह खरब ने बताया कि कृषि यांत्रिकीकरण के विस्तारण हेतू वर्ष 2017-18 के दौरान यमुनानगर में फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि दस लाख तक की लागत वाले फार्म मशीनरी बैंक पर कृषि विभाग द्वारा 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के समूह सहकारी समितियां, पंजीकृत किसान समूह, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संघ प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी ही पात्र होगें। फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने के इच्छुक किसान समूह विभागीय वैबसाइट पर दर्शाए हुए दिशा निर्देश व प्रोफार्मा के अनुसार आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्र करके दस नवंबर 2017 को सायं पांच बजे तक सहायक कृषि अभियंता, यमुनानगर कार्यालय में जमा करवा सकते हैं तथा दस नवंबर के बाद किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। उपायुक्त श्री खरब ने बताया कि इस योजना के तहत फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्र जैसे हैपी सीडर, स्ट्रा रीपर, रोटरी प्लो, रीपर बाइंडर, स्ट्रा बेलर, मल्चर, रिवर्सिबल प्लो, हे रेक, स्ट्रा चोपर, स्ट्रा स्लेशर, स्ट्रा श्रेडर में कम से कम तीन कृषि यंत्र शामिल होने आवश्यक है। उन्होंने बता कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा जिला के किसानों के लाभार्थ ‘सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैगनीजेशन’ योजना के तहत उपरोक्त वर्णित फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। सभी इच्छुक किसान विभाग की बैवसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट एग्री हरियाणा डॉट इन पर दर्शाए हुए दिशा निर्देशों व प्रोफार्मा के अनुसार 25 अक्तूबर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। उप कृषि निदेशक सुरेंद्र यादव ने बताया कि उक्त योजनाओं के तहत आन लाइन आवेदन करना अनिवार्य है और आवेदन पत्र के साथ वैद्य टैक्ट्रर पंजीकरण प्रमाण पत्र, लघु एव सीमांत किसान कृषि विवरण बारे पटवारी की रिपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जाति प्रमाण पत्र, पैन कार्ड की प्रति, और वचन पत्र कि आपने पिछले पांच वर्षों में कृषि यंत्र पर अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं किया तथा कृषि यंत्र के बिल व यत्र के साथ किसान का फोटो लगाना है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे सरकार की इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं और किसानों से अपील की कि वे फसल अवशेषों को न जलाएं।