वर्ल्ड कप में दागे रिकार्ड 183 गोल

अंडर-17 के महाकुंभ में टूटा साल 2013 का कीर्तिमान

नई दिल्ली – भारत की मेजबानी में पहली बार आयोजित हुए फीफा-अंडर-17 विश्वकप के कुल 52 मैचों में कुल 183 गोल दागे गए, जो यूएई 2013 में हुए विश्वकप के 172 गोलों से अधिक है और एक नया रिकार्ड है। भारत की जमीन पर किसी भी वर्ग में आयोजित यह पहला फीफा टूर्नामेंट था, जिसका समापन शनिवार को कोलकाता में हुआ। टूर्नामेंट में इंग्लैंड ने स्पेन को 5-2 से हराकर पहली बार अंडर-17 फुटबाल चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। इंग्लैंड ने फाइनल रिकार्ड स्कोर के साथ जीता। यह विश्वकप के इतिहास में सर्वाधिक स्कोर वाला फाइनल था। इससे पहले यह रिकार्ड 1995 विश्वकप के नाम था, जब घाना ने ब्राजील को 3-2 से हराया था। इंग्लैंड के रियान ब्रूस्टर आठ गोलों के साथ विश्वकप के शीर्ष स्कोरर रहे और उन्हें गोल्डन बूट से नवाजा गया। ब्रूस्टर ने टूर्नामेंट में अमरीका और ब्राजील के खिलाफ दो हैट्रिक बनाने की उपलब्धि भी हासिल की। टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवार्ड इंग्लैंड के फिल फोडेन को और सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का पुरस्कार ब्राजील के गैबरिएल ब्राजो को मिला।

चार खिलाडि़यों के खुद के खिलाफ गोल

टूर्नामेंट में चार खिलाड़ी ऐसे भी रहे, जिन्होंने आत्मघाती गोल किए। पराग्वे के एलेक्सिस डुआर्ते एकमात्र ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ दो आत्मघाती गोल किए।

चैंपियन इंग्लैंड के सबसे ज्यादा 23 गोल

टूर्नामेंट में इंग्लैंड 23 गोल करके सबसे आगे रहा। जहां तक प्रयासों की बात है, वहां माली 184 प्रयासों के साथ सबसे आगे रहा।