शंख बजाने वालों को नहीं होता हार्ट अटैक

मुंबई— मंदिरों में पूजा-आरती के दौरान शंख बजाया जाता है। कुछ लोग घर में भी शंख रखते हैं, उसकी पूजा करते हैं और बजाते हैं। शंख बजाए जाने जितना धार्मिक महत्त्व है, उतना ही उसका वैज्ञानिक प्रभाव भी है। विज्ञान भी इस बात की पुष्टि कर चुका है कि शंख की ध्वनि से वातावरण में मौजूद जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। मच्छर भी भाग जाते हैं। यह बात महान वैज्ञानिक जेसी बॉस अपने प्रयोगों के जरिए साबित कर चुके हैं। नियमित शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं आएगा। शंख बजाने से सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं। इसी तरह बार-बार श्वास भरकर छोड़ने से फेफड़े भी स्वस्थ रहते हैं। हकलाने वाले बच्चों से शंख बजवाया जाए, तो उनकी हकलाहट दूर हो सकती है। रात में शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें। इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे। साथ ही रात में शंख में भरे गए पानी में गुलाब जल मिलाकर बाल साफ करने पर बाल कभी सफेद नहीं होंगे। यदि आपको पेट में दर्द रहता है और पाचन खराब है तो शंख में रखा पानी पीने से ये रोग दूर हो जाएंगे। जिन लोगों को नौकरी या कामधंधे का तनाव रहता है, उन्हें भी शंख बजाना चाहिए। शंख बजाते समय दिमाग से सारे विचार चले जाते हैं। इससे तनाव काम करने में मदद मिलती है। जिन घरों में शंख बताया जाता है, वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती है। कहते हैं कि जब शंख बजाया जाता है तो ओम की ध्वनि निकलती है। ओम ही वह शब्द है, जिसका उच्चारण सबसे पहले भगवान ने किया था।