आतंकी बने फुटबालर माजिद ने किया सरेंडर

मां की पुकार का असर

श्रीनगर— फुटबालर से लश्कर आतंकी बने 20 साल के युवक का दिल मां की दर्दभरी पुकार सुनकर पसीज गया और उसने आतंक का रास्ता छोड़ सरेंडर कर दिया है। मामला जम्मू-कश्मीर का है, जहां का रहने वाला माजिद कुछ समय पहले परिवार को छोड़ आतंक के रास्ते पर चल पड़ा था, लेकिन जब उसकी मां ने उसे पुकारा तो वह फिर से उसके पास लौट आया। माजिद ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया है। दरअसल डल झील से 67 किलोमीटर दूर दक्षिण कश्मीर में सादिकाबाद (अनंतनाग) क्षेत्र में रहने वाला 20 वर्षीय माजिद इरशाद एक हफ्ते पहले घर से चला गया और आतंकी संगठन में शामिल हो गया। बेटे को लेकर मिली खबर के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। वह बस इतना कह रही थी कि बेटा एक बार घर आ जाओ। मुझे और अपने बाप का कत्ल कर दो और फिर जहां जाना है, चले जाओ। माजिद के इंतजार में उसकी मां और पिता ही नहीं, बल्कि शादीशुदा बहनें भी एक हफ्ते से मायके में ही थीं। माजिद इरशाद को जिले में उभरता हुआ फुटबाल खिलाड़ी माना जाता था, जो समाज सेवा में भी सबसे आगे रहता था। हालांकि पिछले एक हफ्ते से वह अनंतनाग और साथ सटे इलाकों में लश्कर का स्थानीय पोस्टर ब्वाय बन चुका था। वह नौवीं कक्षा से ही स्थानीय फुटबाल क्लब का नियमित सदस्य था। वह गोलकीपर था। उसने मिलिटेंट बनने से पहले अपने फेसबुक पर लिखा था कि जब शौक-ए-शहादत हो दिल में तो सूली से घबराना क्या। उसके पिता इरशाद अहमद खान को जब पता चला कि बेटा आतंकी बन गया है तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया था।

दोस्त की वजह से बना आतंकी

माजिद का दोस्त यावर निसार जुलाई में एक आतंकवादी गुट से जुड़ गया था। एक महीने बाद ही पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया। माजिद अपने दोस्त की मौत से इतना दुखी हुआ कि उसने भी आतंकी गुट ज्वाइन कर लिया।

आतंकी हमले में एसआईशहीद

श्रीनगर — जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर को आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर किए गए हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसआई शहीद हो गया, जबकि विशेष पुलिस अधिकारी घायल हो गया।