पुष्पांकर पीयूष, धर्मशाला
कुछ दिन पहले ही कश्मीर के कुलगाम जिले से खबर आई कि कश्मीर का एक युवा भटके हुए रास्ते को छोड़, अपने घर फिर लौट आया है और अब यह मुख्यधारा से जुड़ना चाहता है। यकीनन यह उसका अपनी मां के प्रति प्यार है। यह कश्मीर के लिए भी खुशखबरी मानी जा सकती है, क्योंकि एक कश्मीरी युवा जेहादी रास्तों को छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ रहा है। आशा है कि इसके आने वाले समय में दूरगामी परिणाम होंगे। जो कश्मीरी युवा आज जेहाद की राह पर निकल चुके हैं, वे चाहें तो इस मामले से प्रेरणा ले सकते हैं। जेहादी कांटे निकल जाने से कश्मीर एक बार फिर धरती का स्वर्ग बन जाएगा। इसके लिए राज्य व केंद्र सरकार को मिलकर कोई ठोस रणनीति बनानी होगी। केंद्र सरकार ने आतंकियों को समाप्त करने के लिए जो आपरेशन ऑलआउट चलाया है, उसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। इसी का नतीजा है कि घाटी में आतंकी वारदातें काफी हद तक कम हुई हैं और अब तक कई खूंखार आतंकी मारे जा चुके हैं। उसी प्रकार समर्पण करने वाले आतंकियों को मुख्यधारा में जोड़ने की नीति बनानी होगी।