चुनाव नतीजों से पहले कुर्सी को जुगाड़

प्रदेश के अधिकारी-नेता बड़े दिग्गजों के पास भर रहे हाजिरी, दिल्ली तक दौड़ शुरू

धर्मशाला —  विधानसभा चुनावों के नतीजे आने से पहले ही कुर्सी पाने को जुगाड़ भिड़ाने का काम शुरू हो गया है। ये नेता से बड़े नेता बनने को हो या मलाइदार पदों पर बैठने का जुगाड़ हो, हर तरफ से सियासी गोटियां फिट की जा रही हैं। धर्मशाला से लेकर शिमला राजधानी तक की कुर्सी पाने के चाह्वान दोनों तरफ हाजरियां भर रहे हैं। अपनी खासियतों के साथ दूसरों की खामियां भी खूब गिनाईं जा रही हैं। हालांकि अभी इंतजार काफी लंबा है, लेकिन इसका लाभ लेने वाले कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। हिमाचल के बड़े नेताओं से लेकर दिल्ली तक लाविंग शुरू हो गई है। प्रदेश में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने को भले ही 18 दिसंबर तक का इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन कुर्सी पाने को पहले ही कसरत तेज हो गई है। अधिकारियों, कर्मचारियों से लेकर नेता व कार्यकर्ता तक नई सरकार में अच्छे ओहदे पर बैठना चाहता है। जुगाड़तंत्र के जमाने में काबिलियत के अलावा हाजिरी भी बहुत मायने रखती है। ऐसे में पद पाने को ललायत अधिकारी, कर्मचारी, नेता व कार्यकर्ता अपने-अपने स्तर पर लगातार हाजिरी भरने शुरू हो गए हैं, जिससे 18 दिसंबर के बाद अधिक मेहनत न करनी पड़े। पालमपुर, समीरपुर और विजयपुर से लेकर दिल्ली तक लोग दौड़ने शुरू हो गए हैं। आलम यह है कि कई नेताओं ने तो लंबे समय से दिल्ली में ही डेरा डाल दिया है। कुछ को विधायक बनने के बाद मंत्री, सीपीएस बनने की आस है, तो कुछ को टिकट न मिलने की एवज में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन या फिर डायरेक्टर ही सही, कुछ भी बन जाने की चाहत है। सियासी क्षेत्र से जुड़े लोग ही नहीं, अफसरशाही भी इस मामले में पीछे नहीं है। जिला मुख्यालयों पर शोभा पाने को अफसर भी अपने-अपने स्तर पर जुगाड़ भिड़ाने में जुट गए हैं।

ग्रहों की शांति के लिए पाठ

नेता-अधिकारी बाकायदा पंडितों के पास अपने टिपड़े दिखाकर अपनी योग्यता पूरी करने को ग्रहों की शांति के पाठ भी करवाने शुरू हो गए हैं। ऐसा इक्का-दुक्का नहीं, बल्कि प्रदेश भर में सत्ता के प्रमुख केंद्रों में चल रहा है। कांग्रेस के बजाय इस बार भाजपा के खेमों में यह अधिक चल रहा है।