टेट की अनिवार्यता

(जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र )

केंद्र ने सरकारी स्कूलों के साथ निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) अनिवार्य करने की तैयारी कर ली है। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स की सिफारिश पर दिया गया यह निर्देश बिलकुल जायज है। जिन छात्रों का भविष्य शिक्षकों के हाथों में सौंपा जाने वाला है, उनकी काबिलीयत के आधार पर ही उन्हें काम पर नियुक्त करना उचित है। परीक्षा में ही ज्ञान की सही पहचान होने के कारण बीएड की डिग्री होने के बावजूद शिक्षक बनने के लिए और कितने प्रयास करने चाहिएं, यह पता चल जाएगा। आज के समय में छात्र बहुत ही होशियार हैं। कई चीजें जो शिक्षकों को भी पता नहीं होतीं, वे छात्रों को पता होती हैं। आधुनिक जमाने के साथ चलना है, तो छात्रों के साथ शिक्षकों को भी अपना ज्ञान बढ़ाते रहना जरूरी है। ज्ञान है, तभी शिक्षण का महत्त्व है। शिक्षण और ज्ञान का महत्त्व जिन्होंने समझा है, उनके लिए टेट ही नहीं, बल्कि शिक्षण क्षेत्र की हर परीक्षा आसान होती है। शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार की यह कवायद सराहनीय है।