पांच साल बाद ही क्यों

(सूबेदार मेजर (से.नि.) केसी शर्मा, गगल )

पांच साल जिन नेताओं ने जनता की सुध नहीं ली, अब चुनावी वेला में वे जनता की बेहतरी के लिए तरह-तरह की वादे परोस रहे हैं। ऐसे में इनकी नीयत सहज ही सवालों के घेरे में आ जाती है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी प्रदेश के प्रति प्यार उमड़ने लगा है। पिछले तीन साल में वह प्रदेश के लिए कोई खास सौगात नहीं दे सके और अब वह हिमाचल के सपनों को पंख लगाने की बात कर रहे हैं। क्या राजनेताओं के इन्हीं बहकावों से प्रदेश का मतदाता प्रभावित हो जाएगा? अगर नेताओं को ऐसा लगता है, तो यह उनकी गलतफहमी है।