भाजपा का 19 को हमीरपुर में महामंथन

धूमल, शांता, नड्डा, सत्ती के साथ प्रभारी भी रहेंगे मौजूद, चुनाव में हुए काम पर होगी चर्चा

शिमला— हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले प्रदेश भाजपा ने हमीरपुर में एक बड़ी बैठक बुलाई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में चुनाव को लेकर मंथन होगा, जिसमें नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल, वरिष्ठ नेता शांता कुमार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, प्रदेश पार्टी मामलों के प्रभारी मंगल पांडे और प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती के आने की सूचना है। यह बैठक भावी रणनीति को लेकर भी चर्चाओं में है। दरअसल भाजपा अपनी जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त है। इसी के चलते कई क्षेत्रों में जश्न भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में यह बैठक बुलाई गई है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक इस दौरान जिलावार जो सूचियां तैयार की गई हैं, उन पर भी मंथन होगा। पार्टी यह मानकर चल रही है कि इस बार मतदान की जो ज्यादा दर रिकार्ड की गई है, वह भाजपा के हक में है। यही नहीं, कई क्षेत्रों से प्रत्याशियों के साथ-साथ जिला व ब्लॉक से भी भितरघात व विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने वाले नेताओं की शिकायतें पहुंची हैं। कांग्रेस से उल्ट भाजपा ने अभी तक ऐसा कोई भी मंथन नहीं किया था। हालांकि औपचारिक तौर पर कांग्रेस में भी ऐसी कोई बड़ी बैठक नहीं हो सकी हैं, मगर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास सिपहसालार ऐसी रिपोर्ट्स उन्हें पेश करते आ रहे हैं, वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी इस बाबत बैठक बुलाई है। बहरहाल, 19 नवंबर को बुलाई गई बैठक में पार्टी का जो जिलावार मंथन होगा, उसका मकसद क्या रहेगा और इस बड़ी बैठक के बाद भाजपा की भावी रणनीति क्या होगी, इन सब पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं।

आजाद-बागियों पर रहेगी नजर

भाजपा विधानसभा चुनावों में 40 प्लस अपने हक में लेकर चल रही है। बावजूद इसके इन चुनावों में इस बार आजाद व बागी प्रत्याशियों ने भी दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को अच्छी खासी चुनौती दे रखी थी। कांग्रेस की भी ऐसे ज्यादातर प्रत्याशियों पर नजरें हैं। किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में पार्टी की क्या रणनीति होगी, इस बैठक में विचार-विमर्श हो सकता है।

धूमल का गुजरात जना मुश्किल

श्री धूमल जिन्हें पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है, वह मुश्किल ही गुजरात प्रचार में उतरें। दरअसल उनसे समीरपुर में मिलने वालों की भीड़ लग रही है। अधिकारियों के साथ पार्टी प्रत्याशी भी मिलने पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि गुजरात में प्रचार के लिए वह नहीं जाएंगे।