राज्य सरकार ने तोड़ी चुनाव आचार संहिता

भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत, नीतिगत-वित्तीय काम कराने का आरोप

 शिमला— प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार पर आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत कर हस्तक्षेप की मांग की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सरकार को आचार संहिता लागू रहने के कारण नीतिगत व वित्तीय तौर पर नए निर्णय लेने की शक्तियां नहीं हैं। बावजूद इसके ऐसा किया जा रहा है। अधिकारियों के तबादले भी हो रहे हैं। शिकायत में कहा गया है कि प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव-2017 के लिए मतदान संपन्न हो चुका है, जिसका परिणाम आगामी 18 दिसंबर को आएगा। इस दौरान निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रदेश में 18 दिसंबर और जब तक नई सरकार नहीं बनती, तब तक आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है, परंतु भाजपा के ध्यान में लाया गया है कि नौ नवंबर केबाद हिमाचल प्रदेश सरकार जिन्हें नीतिगत एवं वित्तीय नए कार्य करवाने की शक्तियां नहीं हैं, आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है। भाजपा ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि प्रदेश के लोगों द्वारा दिया गया जनादेश ईवीएम में बंद है, ऐसी स्थिति में प्रदेश की काम चलाऊ सरकार को किसी भी संवैधानिक पद, प्रशासनिक पद और सामान्य नियुक्तियां एवं स्थानातंरण करने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा की शिकायत पर भारत निर्वाचन आयोग ने आबकारी एवं कराधान विभाग के दो अतिरिक्त आयुक्तों डीसी नेगी व केके शर्मा को आदेश दिए गए थे कि जब तक चुनाव प्रक्रिया संपन्न नहीं होती, तब तक दोनों अधिकारी सचिवालय में तैनात रहेंगे, मगर जानकारी मिली है कि डीसी नेगी को निदेशक महिला व बाल कल्याण विभाग में तैनात कर दिया है और केके शर्मा को नियंत्रक प्रिटिंग एवं स्टेशनरी का कार्यभार सौंपा गया है, जो आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। यह आरोप भी लगाया गया है कि प्रदेश की काम चलाऊ कांग्रेस सरकार अपने चहेते अधिकारियों की तैनाती प्रदेश के महत्त्वपूर्ण विभाग जैसे लोक निर्माण, आईपीएच, शिक्षा विभागों में कर रही है, जो आदर्श चुनाव आचार संहिता की अवहेलना है। पार्टी ने मांग की है कि आयोग राज्य सरकार से इस बात की सख्ती से अनुपालना करवाए कि जब तक आचार संहिता लागू है और प्रदेश में जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता है तब तक कोई भी बड़े निर्णय न लिए जाए।