वाडा ने ठुकराई बीसीसीआई की मांग

नई दिल्ली— वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) क्रिकेटर्स के डोप टेस्ट को लेकर बीसीसीआई को राहत देने के मूड में नहीं है। वाडा ने अपने ताजा एक्शन में बीसीसीआई की उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें उसने कहा था कि नाडा को उसके खिलाडि़यों का डोप टेस्ट करने का इसलिए अधिकार नहीं है, क्योंकि बोर्ड नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन का हिस्सा नहीं है। इसके अलावा बोर्ड आईसीसी के वर्तमान एंटी-डोपिंग सिस्टम के तहत अपने खिलाडि़यों में डोपिंग की रोकथाम के लिए जरूरी टेस्ट कराता है। वाडा ने एक ई-मेल के जवाब में बताया, नाडा को क्रिकेटर्स समेत देश के सभी एथलीट्स के डोपिंग टेस्ट करने का अधिकार है। वाडा के मीडिया रिलेशंस और कम्यूनिकेटर्स को-ऑर्डिनेटर मैगी डुरंड ने बताया, भारत की एंटी-डोपिंग एजेंसी नाडा, वाडा के अनुरूप ही काम करती है। इसलिए वह उन खिलाडि़यों एवं खेल संघों में डोपिंग की जांच के लिए अधिकृत एंटी-डोपिंग एंजेसी है। वाडा द्वारा की गई इस व्याख्या से साफ है कि सभी क्रिकेटर्स भारत के नागरिक हैं और वे बीसीसीआई के सदस्य हैं, जो तमिलनाडु सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रर्ड है। अब वाडा के इस रुख से बीसीसीआई के लिए संकेत साफ हैं कि वह डोप टेस्ट की जांच को लेकर बोर्ड द्वारा की जा रही मनमानी को नहीं मानने वाला।