कर्म सिंह ठाकुर
लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं
चुनावी प्रचार राजनीतिक दलों का लोकतांत्रिक अधिकार है, सभी राजनीतिक दल साम-दाम-दंड-भेद चुनावों में झोंक देते हैं। ऐसी परिस्थिति में प्रदेश की जनता को सूझबूझ दिखानी चाहिए और किसी भी प्रलोभन, लालच या अव्यावहारिक घोषणा के झांसे में आकर अपना बहुमूल्य मत नहीं देना चाहिए। पानी की एक-एक बूंद से घड़ा भरता है। युवाओं व महिला मतदाताओं को विशेष रूप से अपने मत का सही उपयोग करना आना चाहिए। युवाओं की सजग सहभागिता किसी भी देश व प्रदेश के भाग्य को बदलने का माद्दा रखती है। प्रदेश में इस बार करीब 45 फीसदी मतदान युवाओं के हाथ में है। युवाओं को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप से बाहर निकलकर मतदान के मोल को समझना होगा। सही सरकार को सत्ता दी जाएगी तो आने वाला कल इच्छाओं व आंकाक्षाओं को संजोने और उन्हें साकार करने में सहायक होगा, नहीं तो अंधकार के काल में कलंकित होना पड़ेगा। इस वर्ष चुनाव आयोग द्वारा मतदान जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाए गए। जिला स्तर पर ब्रांड एंबेसेडर, जागरूकता रैलियां निकालकर व सोशल मीडिया पर भी चुनावी जागरूकता फैलाई गई। विशेषकर गृहिणियों, युवाओं व बुजुर्गों को मतदान के मोल को समझकर इसका सही उपयोग करना आना चाहिए। प्रदेश में 100 फीसदी फोटो युक्त पहचान पत्र का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
मतदान केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। समाज की एक सामूहिक जिम्मेदारी। मतदान के जरिए हम अपनी राय व्यक्त करते हैं कि किन लोगों को सामाजिक सरोकारों की नुमाइंदगी करनी चाहिए। इसी मतदान से हम उन लोगों को चुनते हैं, जिन्हें शासन की शक्तियां ग्रहण करनी चाहिएं। आप अच्छे विश्वास में ऐसे व्यक्ति को आपके और दूसरों के जीवन को बदलने की शक्ति से संपन्न कर रहे हैं। इस मायने में, मतदान करने के लिए आपका निर्णय और मतदान का वास्तविक कृत्य आध्यात्मिक रूप से प्रेरित है, क्योंकि मतदान करके जो प्राप्त करने का आपका मंतव्य है, वह है शासन के मामलों में उच्च मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद करना। हम आशा करते हैं कि जिन लोगों को हम शासन करने के लिए चुनते हैं, वे एक बेहतर समानता को स्थापित करते हुए सभी के लाभ के लिए रचनात्मक कार्रवाई करेंगे। चुनाव आयोग द्वारा निष्पक्ष व पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की संभाल के लिए वीवीपीएटी द्वारा प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों में चुनाव करवाया जाएगा, जो कि प्रदेश में पहली बार किया जा रहा है। मतदाता वीवीपीएटी स्क्रीन पर सात सेकंड तक जिस उम्मीदवार को मत दिया गया है, उसके चुनाव चिन्ह को देख सकता है। यह सराहनीय कार्य चुनाव आयोग द्वारा किया जा रहा है। चुनावी प्रक्रिया पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। यह धन आम जनता द्वारा जमा करवाए गए करों से ही एकत्रित होता है। यदि मतदाता फिर भी मतदान करने में लापरवाही या असमर्थता दिखाता है, तो यह प्रदेश के भविष्य व विकास को गर्त में ले जाएगा। खासकर युवाओं और गृहिणियों को चुनावी प्रक्रिया में अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी, ताकि योग्य से योग्य प्रतिनिधि चुने जा सकें। यदि योग्यता का शासन स्थापित करना है, तो योग्य नेताओं के चयन के लिए प्रदेश की जनता को शत-प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को प्राप्त करना अनिवार्य होगा।