इन्फोसिस की सलिल को कमान

आईटी के क्षेत्र में बड़ी कंपनी इन्फोसिस ने नए सीईओ और एमडी के रूप में सलिल एस पारेख के नाम पर मुहर लगा दी है। पारेख 2 जनवरी, 2018 से जिम्मेदारी संभालेंगे। वर्तमान में पारेख फ्रेंच आईटी सर्विस कंपनी कैपजेमिनी में एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य हैं। नंदन नीलकणि नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर काम करते रहेंगे।

कौन हैं पारेख

सलिल एस पारेख फ्रांसीसी आईटी सर्विसेज कंपनी कैपजेमिनी समूह के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य हैं। वर्ष 2000 में अर्नेस्ट एंड यंग के कंसल्टिंग डिवीजन के अधिग्रहण के बाद उन्होंने कैपजेमिनी ज्वाइन की थी। पारेख ने कॉरनेल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस और मेकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। वह आईआईटी बांबे से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक हैं। आईआईटी बांबे की स्थापना सन् 1958 मेें हुई।

क्या कहते हैं नंदन नीलेकणि

कंपनी के निदेशक मंडल के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि पारेख के पास सूचना प्रौद्योगिकी का तीन दशक काम करने का अनुभव है।

दूसरी बार बाहर से सीईओ

यह दूसरा मौका है जब इन्फोसिस का सीईओ कंपनी से बाहर के किसी व्यक्ति को बनाया गया है। इससे पहले 2014 में विशाल सिक्का एसएपी से लाकर सीईओ बनाया गया था। वह कंपनी के गैर संस्थापक सीईओ थे।

पारेख के सामने चुनौतियां

पारेख को नई भूमिका में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसमें संस्थापकों और प्रबंधन बोर्ड के बीच शांति बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। साथ ही उनका प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्हें फैसले लेने में कितनी आजादी मिलती है।