सोनिया गांधी का बेटे को संदेश
नई दिल्ली — कांग्रेस की 19 साल तक कमान संभालने के बाद सोनिया गांधी ने शनिवार को कांग्रेस की बागडोर बेटे राहुल गांधी को सौंप दी। बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया का आखिरी भाषण राजनीति में उनके जीवन में आए उतार-चढ़ावों के किस्सों से भरा था। सास और पति के बलिदान और अपने संघर्ष के भावुक जिक्र से जहां वह राहुल को साहस का संदेश देती दिखीं, वहीं कांग्रेसियों को चेताया कि पार्टी के सामने जितनी बड़ी चुनौती आज है, उतनी बड़ी कभी नहीं थी। सोनिया ने बेटे राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा कि राजनीतिक हमलों ने उन्हें और मजबूत व दृढ़ बनाया है। कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद का प्रमाणपत्र सौंपे जाने के मौके पर आयोजित समारोह में सोनिया ने भाषण की शुरुआत अपने जीवन के वाकयों के जिक्र के साथ की। सोनिया ने कहा कि राजनीति में उनकी एंट्री संयोगवश ही हुई थी। उन्होंने कहा कि राजीव जी से विवाह के बाद ही मेरा राजनीति से परिचय हुआ। इस परिवार में मैं आई। यह एक क्रांतिकारी परिवार था। इंदिरा जी इसी परिवार की बेटी थी, जिस परिवार ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना धन-दौलत और पारिवारिक जीवन त्याग दिया था। उस परिवार का एक-एक सदस्य देश की आजादी के लिए जेल जा चुका था। देश ही उनका मकसद था, देश ही उनका जीवन था। राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाल ली है। कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद राहुल ने बीजेपी और उसकी विचारधारा पर तीखे हमले किए।