गुमनाम अंधेरों में गुम होती बिटिया की चीखें

रोमिल कौंडल, केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला

बिटिया की चीखें अब कोटखाई में ओझल हो रही हैं। लगभग 155 दिन बीत जाने के बाद भी सीबीआई किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची है। इतने दिन बीत जाने के बाद भी कातिलों का हाथ नहीं आना पुलिस विभाग समेत सीबीआई के लिए बहुत शर्मनाक बात है। अब बिटिया केस उम्मीदों के दायरे में उलझ रहा है। अब सीबीआई इस केस को अलग पहलू से देखेगी व इसे मनोवैज्ञानिक तरीके से सुलझाने का प्रयास करेगी। इस मामले की फाइनल स्टेटस रिपोर्ट 20 दिसंबर को प्रदेश उच्च न्यायालय में सौंपी जानी है। आशा है कि आरोपी जल्दी पकड़ में आएंगे और बिटिया को इनसाफ मिलेगा।