पराली से बनेगा इथेनॉल

हरियाणा सरकार ने गुरुवार को पानीपत में प्लांट लगाने को प्रदान की मंजूरी

 चंडीगढ़— हरियाणा सरकार ने धान की पराली के जलाने को लेकर होने वाले प्रदूषण के हल के लिए राज्य में धान की पराली तथा अन्य फसलों के अवशेषों से इथेनॉल बनाई जाएगी। इसके लिए हरियाणा सरकार ने पानीपत जिला में एक प्लांट लगाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार के इस कदम से जहां प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं किसानों को फसलों के अवशेषों की बिक्री होने से मुनाफा भी होगा। गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा इंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड की छठी बैठक में लिए गए उक्त निर्णय से जहां प्रदेश में बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा, वहीं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हरियाणा में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। बैठक में पानीपत के उपायुक्त ने बताया कि उक्त प्लांट के लिए भारतीय तेल निगम लिमिटेड आईओसीएल को पानीपत जिला के गांव बाओली की पंचायत मौजूदा बाजार दर पर अपनी पंचायती भूमि देने के लिए तैयार है, जिसकी मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी। प्लांट लगाने वाली भारतीय तेल निगम लिमिटेड कंपनी ग्लोबल 500 की सूची के अनुसार वर्ष 2016 में भारत में प्रथम तथा विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों में 161वें स्थान पर रही है। यह कंपनी फसल के अवशेषों और अन्य बायोमास का उपयोग करके दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल का उत्पादन शुरू करना चाहती है। प्रस्तावित प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 100 किलो इथेनोल होगी। इस कंपनी का दो लाख टन चावल का भूसा यानि पराली को कच्चा माल के रूप में खरीद करने का प्रस्ताव है, जो कि चार जिलों करनाल, पानीपत, सोनीपत और कुरुक्षेत्र का एक सीजन का कुल उत्पादन है। बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़, लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह,  उद्योग मंत्री विपुल गोयल, हरियाणा के मुख्य सचिव  डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर,  उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, अशोक सांगवान और एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक  राजशेखर वुंडरू तथा विदेशी निवेश एवं एनआरआई सैल के चेयरमैन अश्विन जौहर के अलावा कई अन्य उपस्थित थे।