पुलिस-जनता में विश्वास की कमी

स्थापना दिवस समारोह पर सेमिनार के दौरान बोले अधिकारी

शिमला— सार्वजनिक सुरक्षा राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है और पुलिस को नागरिकों के विश्वास को कायम रखने के लिए आत्मचिंतन की आवश्यकता है। यह बात इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक पीसी हलदर ने हिमाचल प्रदेश पुलिस के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर एक व्याख्यान के दौरान कही। 21वीं शताब्दी में भारतीय पुलिस के लिए ‘संस्थागत वास्तुकला और सुरक्षा सुधार’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में पुलिस के सामने चुनौतियों और इससे निपटने को लेकर व्यापक मंथन किया गया। इस दौरान पीसी हलदर ने कहा कि पुलिस व लोगों के संबंधों में विश्वास की कमी तथा नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में विश्वसनीयता और निष्पक्षता की कमजोर धारणा चिंता का विषय है। कॉनफ्लिक्ट मैनेजमेंट नई दिल्ली के कार्यकारी निदेशक डा. अजय साहनी ने कहा कि संस्थागत तथा मौलिक स्तर पर पिछले एक दशक के दौरान पुलिस और समवर्गी एजेंसियां भारी दबाव का सामना कर रही हैं। इस क्षेत्र में संसाधनों के अभाव को भी देखा गया है। उन्होंने चरणबद्ध तरीके से पुलिस आधुनिकीकरण की आवश्यकता और इस दिशा में विशेष ध्यान देने पर बल दिया। डा. साहनी ने कहा कि पुलिस-जनसंख्या का अनुपात अपर्याप्त है तथा संभवतः इसे बढ़ा-चढ़ाकर देश की 150.75 प्रति एक लाख व्यक्ति की औसत के रूप में पेश किया गया है, जो कि सामान्य परिस्थितियों में पुलिस सेवाओं के 220 प्रति एक लाख व्यक्ति अनुमानित वांछित अनुपात के मुकाबले कम है। इस अवसर पर एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया। इससे पूर्व मुख्यातिथि एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने इस दो दिवसीय स्थापना दिवस समारोह की के दौरान आयोजित की गई विभिन्न गतिविधियों पर जानकारी दी। प्रधान सचिव (गृह) प्रबोध सक्सेना, राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, पुलिस कर्मी तथा अर्द्धसैनिक बलों के प्रतिनिधि भी समारोह में मौजूद रहे।