बाबा अलौकिक शक्तियों के स्वामी माने जाते हैं – कहते हैं कि इस मंदिर के संस्थापक बाबा अलौकिक शक्तियों के स्वामी थे, पर वह आडंबरों से दूर रहते थे। उनके माथे पर न त्रिपुंड लगा होता था न गले में जनेऊ और न ही कंठमाला। उन्होंने देह पर साधुओं वाले वस्त्र भी कभी धारण नहीं किए। आश्रम आने वाले भक्त जब उनके पैर छूने लगते थे तो वे कहते थे, पैर मंदिर में बैठे हनुमान बाबा के छुओ।
देश-विदेश में हैं भक्त- कैंची धाम पर श्रद्धा रखने वाले भक्त देश ही नहीं, विदेश में भी हैं। जाने-माने लेखक रिचर्ड एलपर्ट ने मिरेकल ऑफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है, जिसमें बाबा के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। कुछ साल पहले फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी यहां आए थे। कैंची धाम यात्रा एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स ने भी की थी और बाबा के दिए सेब को उन्होंने एप्पल कंपनी का लोगो बना दिया।
हिमाचल में संकट मोचन हनुमान धाम-
बाबा नीब करौरी महाराज ने एक धाम नैनीताल जिले के कैंची में बनाया, तो दूसरा हिमाचल में। 1962 में हिमाचल के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर राजा बजरंग बहादुर सिंह जो भद्री रियासत के राजा थे, ने बाबा की इच्छा पर यहां मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया। 21 जून, 1966 दिन मंगलवार को इसका शुभारंभ हुआ, इसको इतना अद्भुत बनाया गया है कि पर्यटक यहां आए बिना रह ही नहीं पाते हैं।